
बिहार से बीजेपी के टिकट पर वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का राज्यसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है. इस टिकट के लिए बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की भी नजरें लगी थी, लेकिन एक मात्र टिकट पर सुशील मोदी के नाम पर बिहार बीजेपी ने मुहर लगा दी है. इस मामले में अंतिम फैसला दिल्ली में केंद्रीय कमेटी करेगी.
विधान परिषद के सदस्य हैं सुशील कुमार मोदी
अभी तक बिहार विधान परिषद के दो सीटों के लिए पार्टी की ओर से किसी नाम का खुलासा नहीं हुआ है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पिछले दो बार से लगातार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. उनका कार्यकाल 2018 तक है.
सुशील मोदी को केंद्र की सहमति का इंतजार
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सुशील कुमार मोदी बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवार माने जाते थे, लेकिन चुनाव में बीजेपी की करारी हार के बाद यह सपना ही रह गया. तब से यह कयास लगाया जा रहा था कि उन्हें केंद्र में उचित स्थान दिया जाएगा.
राज्यसभा गए तो चारों सभाओं में प्रतिनिधि होने का संयोग
सुशील कुमार मोदी पटना से कई बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 2004 के आम चुनाव में वह भागलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे. उसके बाद वह लगातार विधान परिषद के सदस्य रहे. अगर उन्हें इस बार राज्यसभा के लिए केंद्रीय कमेटी की सहमति मिल गई तो वह देश के चारों सभाओं के सदस्य बन जाएंगे. ऐसा संयोग बिरले को मिलता है.
शाहनवाज हुसैन और सुशील मोदी का बेहतर तालमेल
शाहनवाज हुसैन बीजेपी के अल्पसंख्यक चेहरा हैं. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह सबसे कम उम्र के केंद्रीय मंत्री भी बने, लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में वह किशनगंज से हार गए थे. उसके बाद सुशील कुमार मोदी जब बिहार के उपमुख्यमंत्री बने तो उनकी खाली की गई भागलपुर सीट से शाहनवाज हुसैन ने चुनाव लड़ा और जीते. उसके बाद 2009 में भी भागलपुर से सांसद बने.
बिहार में बीजेपी जीतती तो शाहनवाज का राज्यसभा तय था
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद शाहनवाज चुनाव हार गए. तब से वह लगातार उच्च सदन पहुंचने की कोशिश में लगे थे. अगर विधानसभा में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहता तो उन्हें मौका जरूर मिलता. तब सुशील मोदी को भी राज्यसभा जाने की नौबत नहीं आती. ऐसा हो न सका और एक बार फिर शाहनवाज हुसैन को मायूसी हाथ लगी.