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सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा, धर्म और जाति के आधार पर महिलाओं से भेदभाव का क्या है औचित्य?

सुशील मोदी ने कहा, जहां मुस्लिम महिला परित्यक्ता योजना के तहत तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को बिहार सरकार स्वनियोजन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है वहीं हिंदू परित्यक्ता महिलाओं के लिए सरकार की इस तरह की कोई योजना नहीं है.

सुशील कुमार मोदी सुशील कुमार मोदी
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 29 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 5:03 AM IST

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया है कि आखिर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही 'मुस्लिम महिला परित्यक्ता योजना' हिंदू और मुसलमान औरतों के बीच भेद भाव पूर्ण क्यों है? सुशील मोदी ने कहा, जहां मुस्लिम महिला परित्यक्ता योजना के तहत तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को बिहार सरकार स्वनियोजन के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है वहीं हिंदू परित्यक्ता महिलाओं के लिए सरकार की इस तरह की कोई योजना नहीं है.

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सुशील मोदी ने कहा कि 'धर्म और जाति के आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव का क्या औचित्य है.' उन्होंने कहा कि तलाकशुदा 12 हजार से अधिक मुस्लिम महिलाओं को स्वनियोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से अब तक 15 करोड़ की राशि प्रदान की गई है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बिहार सरकार को परित्यक्ता हिंदू महिलाओं को भी स्वनियोजन और आर्थिक स्वाबलंबन के लिए सहायता राशि देनी चाहिए.

सुशील मोदी ने कहा कि कोई महिला चाहे किसी भी धर्म या जाति की हो, उनकी समस्याएं और जरु रतें एक तरह की हैं. फिर भेद भाव क्यों? 10 हजार की सहायता राशि को भी बढ़ाकर 25 हजार करने की जरूरत है.' नीतीश कुमार पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि देश में ज्वलंत ट्रिपल तलाक मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर मुस्लिम महिलाओं की लड़ाई लड़नी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ट्रिपल तलाक के मुद्दे को मुस्लिम समाज का आंतरिक मामला बताकर मुंह नहीं मोड़ सकते हैं. शोषण का कारण बनी तीन तलाक जैसी प्रथा को मुस्लिम महिलाओं की ओर से ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. नीतीश कुमार को बताना चाहिए, क्या आंतरिक मामले का बहाना बनाकर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित होने के लिए छोड़ा जा सकता है.?

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