
राहुल गांधी ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाल लिया है. इससे पहले पिछले 19 सालों से सोनिया गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर आसीन थीं. हालांकि राहुल की ताजपोशी से पहले कल ही सोनिया गांधी ने राजनीति से रिटायरमेंट का ऐलान कर के सभी को चौंका दिया था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मानते हैं कि सोनिया गांधी का रिटायरमेंट की असली वजह 18 दिसंबर को आने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे हैं. मोदी ने कहा है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक पराजय को भांप कर ही सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है.
तेजस्वी को दी नसीहत
सोनिया के बहाने मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी तंज कसा और कहा कि दिल की सर्जरी और चारा घोटाले में लगातार हो रही सुनवाई से परेशान लालू को भी अब विश्राम की जरूरत है. मोदी ने कहा कि लालू के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपने पिता की चिंता करनी चाहिए ना की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति से संन्यास लेने की सलाह देनी चाहिए जो कि लगातार जनता की सेवा में कार्यरत हैं. तेजस्वी पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बोलने से पहले उन्हें अपने राजनीतिक उम्र को देख लेना चाहिए.
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल विकास समीक्षा यात्रा पर निकले हुए हैं और इसी यात्रा को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा है यह मुख्यमंत्री का हर जगह बहिष्कार किया जा रहा है और किसी भी जिले में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है और ऐसे में नीतीश को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए.
गुजरात में जीत का दावा
गुजरात विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित मोदी ने कहा कि लालू की गुजरात को लेकर भविष्यवाणी एक बार फिर गलत साबित हुई है लेकिन वह थेथरोलज़ी के मास्टर बने हुए हैं. मोदी ने कहा कि गुजरात की जनता ने 55 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा मतदान करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े फैसले और बड़े आर्थिक सुधारों का समर्थन किया है जिसकी वजह से बीजेपी वहां छठी बार सत्ता में लौटने वाली है.
कांग्रेस और राजनीति में वंशवाद को लेकर बोलते हुए मोदी ने कहा कि राहुल गांधी के रिमोट कंट्रोल से चलने वाले यूपीए सरकार के दौरान जब विजय माल्या जैसे अमीर बैंकों के जरिए करोड़ों और अरबों रुपए के कर्ज लेकर जनता के पैसे लुटा रहे थे तब गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद इसका विरोध करने के बजाय सरकार में मंत्री बनकर रेलवे के होटल के बदले करोड़ों की जमीन लिखवा रहे थे.