
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजस्व में स्थिरता आने के बाद इलेक्ट्रिसिटी डयूटी, रियल एस्टेट और पेट्रोलियम पदार्थों को भी भविष्य में जीएसटी में शामिल करने पर काउंसिल विचार कर सकती है.
जीएसटी नेटवर्क मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी के अन्तर्गत छोटे उद्योगों और करदाताओं की शुरुआती परेशानियां काफी हद तक कम हो गई हैं. पिछले दिनों गुवाहाटी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में 178 वस्तुओं के टैक्स की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने के बाद कर की दर से जुड़ी 90 प्रतिशत समस्याओं का लगभग समाधान हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब पूरी प्रक्रिया के सरलीकरण का काम हो रहा है.
उद्योग व व्यापार से जुड़ी देश की सबसे पुरानी संस्था फिक्की की नई दिल्ली में गुरुवार को आयोजित वार्षिक आमसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक एकीकरण तो पहले हो गया था, लेकिन जीएसटी के कारण एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार की अवधारणा के साथ देश का आर्थिक सुदृढ़ीकरण और एकीकरण संभव हो पाया है. जीएसटी शताब्दी का सबसे बड़ा कर सुधार है. जिसकी रीढ़ जीएसटी नेटवर्क है. उन्होंने कहा कि पिछले चार महीने में 3 करोड़ 20 लाख तथा एक दिन में 18 लाख तक रिटर्न दाखिल हुए हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक करदाताओं की करदेयता शून्य है. जो अब चंद सैकेंड में ही अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. जब वैट लागू हुआ था तब भी शुरुआत में कई तरह की समस्याएं सामने आई थीं, लेकिन आखिरकार उससे राज्यों का राजस्व बढ़ा और उद्योग-धंधों को भी लाभ पहुंचा. उन्होंने कहा कि बिहार जैसे उपभोक्ता राज्य को जीएसटी से काफी लाभ मिलेगा.