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लालू यादव को कठोर सजा मिलनी चाहिए, वे आदतन अपराधी हैं: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. कोर्ट क्या फैसला करता है, कोई नहीं जानता है लेकिन वह आदतन भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं, इसलिए उनको कठोर सजा मिलनी चाहिए.

लालू यादव और सुशील मोदी लालू यादव और सुशील मोदी
सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:08 PM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले में बुधवार को होने जा रहे सजा के ऐलान पर अपनी प्रक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. कोर्ट क्या फैसला करता है, कोई नहीं जानता है लेकिन वह आदतन भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं, इसलिए उनको कठोर सजा मिलनी चाहिए.

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सुशील मोदी ने कहा, 'एक मामले में इनको सजा हो चुकी है और यह दूसरा मामला है और अभी तक कोर्ट की परिपाटी यही रही है कि जो आदतन अपराधी हैं उसको कोर्ट ज्यादा कड़ी सजा देता है और दूसरी बात यह है कि अभी तक यह दूसरा मामला है, जिसमें अभी सजा होने जा रही है, इसीलिए हमें इंतजार करना चाहिए हम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेंगे, लेकिन मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है ज्यादा कठोर सजा मिलनी चाहिए क्योंकि एक मामले में उनको सजा मिली है और यह दूसरा मामला है.

मोदी ने उसी केस में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी किए जाने वाले मामले पर कहा कि क्या कोर्ट करेगा यह अलग बात है. उन्होंने कहा, 'देखिए सब के मामले अलग-अलग हैं अगर हत्या होती है तो उसमें 10 लोग शामिल होते हैं, एक जो चाकू मारता है, षड्यंत्र में शामिल है, किस ने सहयोग किया. तो सवाल है कि इस पूरे मामले में डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा की क्या भूमिका थी? वह तो कोई मुख्यमंत्री थे नहीं, सरकार में थे नहीं, वोट कोई ट्रेजरी ऑफिसर नहीं थे, वह विपक्ष के नेता थे. मैंने कोर्ट का पूरा आदेश नहीं देखा है, लेकिन एक ही मामले में अलग-अलग लोग रहते हैं, जिसमें कोर्ट किसी को बरी करता है और किसी को सजा देता है इसका यह मतलब नहीं है कि जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया तो सबको बरी कर देंगे. सवाल यह है कि लालू यादव नेता विपक्ष थे, मुख्यमंत्री थे, वित्त मंत्री थे. यह उन लोगों में से थे जिन्होंने श्यामबिहारी सिन्हा को एक्सटेंशन दिया. अन्य लोगों की सेवा अवधि का विस्तार किया. इसलिए तुलना नहीं की जा सकती है कि डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा का मामला क्या है, आर के राणा का मामला क्या है या जगदीश शर्मा का मामला. सभी अभियुक्तों को एक समान तराजू पर ताला नहीं जा सकता.

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अब नहीं चलेगा जाति का कार्ड

मोदी ने कोर्ट के आदेश को जातिवादी रंग देने पर कहा कि लालू जी को यह लगता है कि मिश्रा, यादव का कार्ड खेलकर वह चुनाव जीत जाएंगे, तो यह कार्ड कई बार खेल चुके हैं और उस कार्ड के खेलने के बावजूद  स्थिति ऐसी हुई कि 170 सीट जीतने वाली राष्ट्रीय जनता दल घटकर 25 सीट पर पहुंच गई 2010 में और नीतीश जी के कंधे पर सवार होकर 80 पर तक पहुंची.

वह अगर अपने बलबूते अगर चुनाव लड़ लें तो पता नहीं कहां हवा हो जाएंगे. वह समय चला गया जब उन्होंने ब्राह्मण कार्ड, दलित कार्ड, पिछड़ा कार्ड खेला और जिनको उन्होंने लूटा वह दलित और पिछड़े थे और कोर्ट ने जिनको सजा दी है उसमें 50% दलित और पिछड़े हैं और जिन लोगों को बरी किया है, उसमें भी बड़ी संख्या में ऊंची जाति के लोग हैं और कोर्ट इस आधार पर फैसला नहीं करता है कि कौन किस जाति का है.

बीजेपी की कृपा से लालू बने थे बिहार के सीएम

उन्होंने कहा कि कोर्ट कभी बीजेपी, आरजेडी कांग्रेस के आधार पर निर्णय नहीं करता है. लालू यादव तो आए थे बीजेपी के दरवाजे पर पहली बार जो मुख्यमंत्री बने थे और उस दिन BJP ने साथ नहीं दिया होता तो बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बने होते. तो बीजेपी की कृपा से वह बिहार के मुख्यमंत्री बने.

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लालू को तो जेल जाने की आदत है!

सुशील मोदी ने कहा, 'आदतन जेल यात्री हैं. वह पहली बार कोई जेल यात्रा पर नहीं जा रहे हैं. कभी हाथी पर चढ़कर निकले हैं, कभी रिक्शे पर चढ़ कर निकले, कभी घोड़े पर जा रहे हैं. ये तो आदतन जेल जाने के आदि है. तो ये अभ्यस्थ हो गए हैं. राजद के भविष्य पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा. लोगों ने उन लोगों के 15 साल को देखा है. कैसे गरीब लोगों को परेशान करते थे. सताते थे इसीलिए भीतर बाहर से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

आरजेडी को अपना चुनाव चिह्न बदल कर LED बल्ब कर लेना चाहिए

सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी को अपना चुनाव चिन्ह बदलने का सुझाव दिया है. 2018 को लालटेन मुक्त बिहार बनाने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि अब बिहार के घऱ-घर में साल के अंत तक बिजली पहुंचेगी.  ऐसे में आरजेडी के चुनाव चिन्ह लालटेन का अब कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा. मोदी ने कहा कि आरजेडी को अपना चुनाव चिन्ह लालटेन से बदल कर एलईडी बल्ब कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि लालटेन मुक्त तो हो ही गया, गांव तो मुक्त होंगे. साल 2018 के अंत तक एक भी घर नहीं बचेगा, जहां गांव में बिजली का बल्ब नहीं होगा.

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इसीलिए राजद को मैं एक ही सुझाव दूंगा कि वह अपना चुनाव चिंह LED बल्ब कर ले. जमाना बैलगाड़ी का नहीं बुलेट ट्रेन का है. LED लाइट का जमाना है. उनको लगता था कि बिहार के लोग लालटेन ढोते रहेंगे, इसीलिए उन्होंने चुनाव चिह्न लालटेन रख लिया, लालटेन मुक्त बिहार होने जा रहा है और साल के अंत होते होते लालटेन मुक्त बिहार होगा.

हालांकि सुशील मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि लालटेन बेसिक चीज है और इसको हटाया नही जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण का नुकसान कर विकास किया जा रहा है, हमें फिर लालटेन और बैलगाड़ी युग में लौटना होगा.

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