
भ्रष्टाचार के मामलों में परिवार के साथ फंसे लालू यादव पर एक और गंभीर आरोप लगा है. आरोप लगाने वाले और कोई नहीं, बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी हैं. सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू यादव और उनके परिवार ने एक व्यक्ति को एमएलसी बनाने के लिए उसकी करोड़ों की जमीन अपने नाम करवा ली. राज्यपाल कोटे से पार्षद बनाने के बदले जमीन हथियाने के इस नए आरोप पर अभी लालू यादव या उनके विधायक बेटों तेज प्रताप और तेजस्वी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. सुशील मोदी ने लालू को बिहार का नटरवलाल कहा.
यह है मामला
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि मोहम्मद शमीम और उसकी पत्नी सोफिया तब्बसुम ने लालू प्रसाद के दोनों बेटों तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के खिलाफ जिंदा रहते दानापुर स्थित करोड़ों के दो प्लॉट की वसीयत लिख दी. यही नहीं जिंदा रहने के दौरान इस जमीन की पावर ऑफ अटार्नी भी राबड़ी देवी के नाम करवाया गया है. यह तब है जब मोहम्मद शमीम और उसकी पत्नी सोफिया के खुद के तीन बच्चे हैं.
यह लिखा है वसीयत में
वसीयत में दोनों ने लिखा कि मरने के बाद जमीन के मालिक तेजप्रताप और तेजस्वी होंगे. दोनों मेरे भतीजे की तरह हैं और उनकी सेवा से वे बहुत खुश हैं. दोनों निष्ठापूर्वक सेवा करते हैं और खुश होकर वसीयत उनके नाम लिख रहा हूं. 12 मई, 2005 को मो० शमीम और सोफिया ने यह वसीयत लिखा कि उनकी मृत्यु के बाद यह जमीन तेज प्रताप और तेजस्वी को दे दी जाए. यह अचल सम्पति मैं तेजस्वी और तेज प्रताप को दे रहा हूं, जो मेरी मृत्यु के बाद प्रभावी होगा और तब तक मैं इस सम्पति का मालिक बना रहूँगा. मेरी मृत्यु के बाद तेजस्वी और तेज प्रताप इस सम्पति को अपने कब्जे में ले सकेंगे .इस सम्पति पर मेरे किसी वैघानिक उत्तराधिकारी या अन्य किसी का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा. यदि तेजस्वी या तेज प्रताप की मृत्यु पहले हो जाती है तो मेरे वैघानिक उत्तराधिकारी इसके मालिक होंगे.
पावर ऑफ अटार्नी पर राबड़ी का नाम
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि इस वसीयत के गवाह कुमार राकेश रंजन है, जो राजद के विधान पार्षद भी थे और लम्बे समय तक आजेडी के कोषाघ्यक्ष भी थे. सोफिया के वसीयत में मोहम्मद शमीम खुद गवाह हैं. मो. शमीम और सोफिया तबस्सुम ने उसी दिन 12 मई, 2005 राबड़ी को पावर ऑफ अटार्नी भी दे दी, जिस दिन तेज प्रताप और तेजस्वी के नाम वसीयत की गई.
जमीन पर है विवाद
आरोप है कि 2 प्लॉट 3354 स्क्वायर फीट जो मौजा- सगुना, दानापुर के विजय बिहार कोऑपरेटिव में हैं, उन्हीं को लेकर यह वसीयत की गई. मोहम्मद शमीम को लालू प्रसाद ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में मनोनीत करवाया और इसकी कीमत में यह जमीन अपने परिवार के नाम लिखवाई.
मोदी ने उठाए कई सवाल
सुशील मोदी के अनुसार सलीम और तब्बसुम के तीन बेटे हैं और इसके बावजूद दोनों तेजप्रताप और तेजस्वी के नाम वसीयत लिख देते हैं. सुशील मोदी ने कहा कि मोहम्मद शमीम और सोफिया तब्बसुम से लालू से ना को रिश्तेदारी और न कोई जात बिरादरी के हैं तो फिर ये कैसे और क्यों संभव हुआ. सुशील मोदी ने कहा कि 2005 में तेजस्वी और तेजप्रताप की उम्र 15-16 साल रही होगी और ऐसे में दोनों ने ऐसी क्या सेवा की जिससे खुश होकर मोहम्मद सलीम और सोफिया तब्बसुम ने करोड़ों की जमीन की वसीयत कर दी. वहीं इन मामलों से पता चलता है कि 2005 से जमीन लालू यादव के परिवार के पास है.