
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मौजूदा वक्त में खुद को मुख्यमंत्री का दावेदार मानने लगे हैं, लेकिन उन्हीं के महागठबंधन में शामिल कुछ कांग्रेसी विधायक इससे इत्तेफाक नहीं रखते. कांग्रेस के दो विधायकों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का दावेदार मानने से इनकार कर दिया हैं.
कांग्रेसी विधायकों ने खुलकर खोला मोर्चा
कांग्रेस के दो विधायकों ने तेजस्वी यादव के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोला है. बरबीघा से कांग्रेस विधायक सुदर्शन कुमार और बहादुरगंज से विधायक तौसीफ आलम ने नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री हेतु एकमात्र लायक नेता करार दिया. साथ ही इन दोनों विधायकों ने नीतीश से महागठबंधन में आकर कमान संभालने की गुहार भी लगा दी.
नीतीश को बताया महागठबंधन की जरूरत
बरबीघा से कांग्रेस विधायक सुदर्शन कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन की जरूरत हैं. बिहार में नीतीश के अलावा कोई दूसरा नेता मुख्यमंत्री के चेहरे के लायक नहीं है. वह जनता के चहेते बने हुए हैं और जनता उनपर भरोसा करती है.
साथ ही सुदर्शन ने तेजस्वी यादव के उस बयान के लिए भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने महागठबंधन के दरवाजे नीतीश के लिए बंद बताए थे. कांग्रेसी विधायक ने कहा कि आरजेडी को समझ जाना चाहिए कि नीतीश कुमार के बगैर महागठबंधन अधूरा है. सुदर्शन के बाद कांग्रेस के विधायक तौसीफ आलम ने भी उनके सुर में सुर मिलाया.
बहादुरगंज से विधायक तौसीफ ने भी कहा कि नीतीश कुमार बेहद अच्छे सीएम हैं. नीतीश को महागठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए. वैसे भी बीजेपी बरगलाकर नीतीश को अपने पाले में लाई है.
गौरतलब है कि सुदर्शन और तौसीफ से पहले भी कांग्रेस के कुछ विधायक नीतीश का गुणगान कर चुके हैं. बक्सर से विधायक संजय उर्फ मुन्ना तिवारी खुले मंच से नीतीश का गुणगान करते आए हैं.
कांग्रेस पार्टी में टूट की चर्चा
कांग्रेस पार्टी में टूट की चर्चा उसी समय से जोरों पर है जब पिछले साल नीतीश कुमार ने पाला बदला था. पार्टी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक जेड़ीयू में जाने की तैयारी करने लगे थे, लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस आलाकमान के सक्रिय होने के चलते दल-बदल के लिए जरूरी 18 विधायक पूरे नहीं हो पाए.
हालांकि कांग्रेस के विधान पार्षदों ने अपना पाला बदल लिया. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के नेतृत्व में तीन विधान पार्षदों ने जदयू का दामन थाम लिया था. नीतीश के पक्ष में बयान देने वाले ये विधायक अशोक चौधरी के समर्थक माने जाते हैं. अब एक साथ दो विधायकों के सामने आने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.