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चुनावों में हार के बाद अक्सर EVM पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस ने इस बार चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा दिेए हैं. छत्तीसगढ़ में होने वाले विधासभा चुनाव के लिए इस्तेमाल होने वाले EVM को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस के मुताबिक गुजरात से छत्तीसगढ़ पहुंची EVM की जांच अज्ञात लोगों ने की है. कांग्रेस के मुताबिक जिस तरह से रातों-रात EVM की जांच कर जिला निर्वाचन कार्यालयों ने ओके टेस्टेड का प्रमाण पत्र जारी किया उससे दाल में कुछ काला है. पार्टी को अंदेशा है कि गुजरात से पहुंचाई गई EVM हैकिंग वाली है और उसके साथ छेड़छाड़ हुई है.
कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत
इस बाबत कांग्रेस ने बिलासपुर में जिला निर्वाचन कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस के मुताबिक EVM की जांच करने वालों के नाम , पहचान पत्र, अनुभव, कंपनी का पता, जैसे कोई भी तथ्यों से मुख्य विपक्षी दल को अवगत नहीं कराया गया है. कांग्रेस ने अपने प्रतिनिधियों के सामने नए सिरे से EVM की जांच की मांग की है.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने राज्य के सभी 27 जिलों में EVM मशीनें भेज दी हैं. ये EVM जिला निर्वाचन कार्यालयों में जांच के उपरांत सुरक्षित रख दिए गए हैं.
राज्य के सभी 27 जिलों में EVM की आपूर्ति गुजरात से की गई हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में शांतिपूर्ण और सरलता से चुनाव कराने के लिए EVM की खेप राज्य के सभी 23 हजार 411 मतदान केंद्र में EVM सुरक्षित की गई है. हालांकि गोपनीयता का हवाला देकर EVM की संख्या का खुलासा चुनाव आयोग ने नहीं किया है. लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस ने EVM की सुरक्षित जांच पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
कांग्रेस के मुताबिक विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भेजी गई EVM की जांच गुपचुप तरीके से कराई गई. जांच करने वाले टेक्नीशियन, इंजिनियर और कंपनी की कोई पहचान जाहिर नहीं की गई और ना ही EVM की जांच के दौरान किसी भी राजनैतिक दल को बुलावा दिया गया. कांग्रेस को अंदेशा है मतदान के पहले ही EVM से छेड़छाड़ कर उसे जिला निर्वाचन कार्यालयों को सौंप दिया गया है.
बीजेपी ने बताया हार का डर
उधर EVM में छेड़छाड़ और हैकिंग के कांग्रेस के अंदेशे को बीजेपी उसका डर बता रही है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेसियों ने अभी से घुटने टेक दिए हैं. अपनी हार नजर आने के चलते कांग्रेस ने यह नया बहाना खोजा है. कांग्रेस के इस आरोप के बाद रायपुर स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के मुख्यालय में गहमा गहमी मची है. भीतर ही भीतर EVM की जांच पड़ताल करने वालों से लेकर उसके रख रखाव की जिम्मेदारी उठाने वालो का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. हालांकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का इस मामले में अपना तर्क है. उनके मुताबिक बिलासपुर कार्यालय से कोई शिकायत अब तक उन्हें प्राप्त नहीं हुई है.
निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि चुनावों वाले पांच राज्यों में से केवल छत्तीसगढ़ में ही आधुनिक थर्ड जनरेशन की एम-3 श्रेणी की मशीनों से मतदान कराने का फैसला किया है. इससे पहले ऐसी मशीने सिर्फ गुजरात चुनाव में इस्तेमाल की गई थीं. अब बारी छत्तीसगढ़ की है. राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 25 हजार मतदान केंद्र प्रस्तावित किये गए हैं. इनके लिए रिजर्व मशीनों के साथ करीब 35 हजार बैलेट यूनिट, 29 हजार कंट्रोल यूनिट और 32 वीवीपैट मशीनों का बंदोबस्त किया गया है.निर्वाचन आयोग का अमला मतदान दलों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अभी जुटा ही था कि कांग्रेस ने इन EVM को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है.
कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी का आरोप है कि गुजरात से छत्तीसगढ़ पहुंची EVM संदेहजनक है. उनके मुताबिक मुख्य विपक्षी दल होने के नाते EVM की जांच पड़ताल के दौरान कांग्रेस के सदस्यों को भी सुचना देनी चाहिए थी. उनके मुताबिक जिन लोगों ने EVM की जांच की उनके पते ठिकाने और कंपनियों का नाम तक गोपनीय रखा गया. जबकि पारदर्शिता बरतते हुए आयोग को तमाम राजनैतिक दलों को इस कार्य की जानकारी दी जानी चाहिए थी.
उधर छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू की दलील है कि उनके पास कांग्रेस की ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि बिलासपुर से या कहीं और से भी कोई शिकायत आयोग तक पहुंचेगी उस पर वैधानिक कार्रवाई होगी. बिलासपुर में की गई कांग्रेस की शिकायत और उस पर होने वाली कार्रवाई को लेकर लोगों की निगाहें निर्वाचन पदाधिकारी के दफ्तर पर लगी हुई हैं.