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छत्तीसगढ़ में 5.60 करोड़ के नकली नोटों की जब्ती पर NIA जांच शुरू

छत्तीसगढ़ में बरामद नकली नोट की जांच अब एनआईए कर रही है. इतनी बड़ी मात्रा में मिले नकली नोटों की कई एंगल से जांच की जा रही है.

नकली नोटों की जब्ती पर NIA जांच शुरू (फोटो-सुनील नामदेव) नकली नोटों की जब्ती पर NIA जांच शुरू (फोटो-सुनील नामदेव)
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

छत्तीसगढ़ में 5.60 करोड़ के नकली नोट की बरामदगी के मामले की जांच में अब एनआईए भी शामिल हो गई है. एनआईए यह देखेगी कि नकली नोट खपाकर कहीं टेरर फंडिंग और देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश तो नहीं की जा रही है.

हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने छत्तीसगढ़ पुलिस से जो ब्योरा मांगा है, उसमें जब्त किए 5.60 करोड़ के नोटों का सैम्पल, उनके सीरियल नंबर, आरोपियों की मोबाइल कॉल डिटेल और मौके से जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस भी शामिल हैं.

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छापे में पकड़े गए नकली नोट

रायपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन दिन पहले शहर के अमलीडीह इलाके के एक घर में छापामारी कर दो आरोपियों के पास से 5.60 करोड़ के नकली नोट बरामद किए थे. इस मामले को पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है.

एनआईए की ओर से एक पत्र रायपुर एसएसपी को मिला है. इस पत्र में अब तक की जांच, आरोपियों की गिरफ्तारी और जब्ती पत्रक आदि की पूरी जानकारी मांगी गई है. आगे की तफ्तीश के लिए जल्द ही एनआईए की एक टीम रायपुर आने वाली है.

सूचना मिलने पर मारा छापा

राजधानी रायपुर के न्यू राजेंद्रनगर इलाके के अमलीडीह स्थित रजत प्राइम कॉम्प्लेक्स के फ्लैट नंबर 708 में 3 दिन पहले एक सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दबिश दी थी. इस फ्लैट में रहने वाले निखिल सिंह और उसकी पत्नी पूनम अग्रवाल के पास से 5 करोड़ 60 लाख रुपये के दो-दो हजार के नकली नोट बरामद हुए थे. इसके अलावा फ्लैट के एक कमरे से कलर प्रिंटिंग मशीन लगाकर नकली नोट छापने का खुलासा भी हुआ था.

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इस अपराध में गिरफ्तार दोनों ही आरोपियों की जिला अदालत से जमानत रद्द हो चुकी है. आरोपियों ने अपनी जमानत के लिए तेजी से हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है. दोनों ही आरोपियों ने अब जमानत के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट का रुख किया है. फिलहाल दोनों ही आरोपी दंपती जेल भेजे जा चुके हैं.

टेरर फंडिंग की आशंका

छत्तीसगढ़ पुलिस के अफसरों का कहना है कि चूंकि मामला भारतीय मुद्रा अधिनियम से जुड़ा हुआ है, साथ ही टेरर फंडिंग से भी इंकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा एनआईए मामले से जुड़े हर एक पहलू की अपने एंगल से तफ्तीश करेगी.

पुलिस को शक है कि निखिल सिंह ने मल्टीनेशनल कंपनियों के सीएसआर मद से लाखों रुपये हथियाने के लिए जिन एनजीओ के ब्रोकर्स से सौदेबाजी की थी, उन ब्रोकर्स के जरिये उसने करोड़ों के नकली नोट बाजार में खपाए हैं. छह से अधिक एनजीओ के ब्रोकर्स को संदेह के घेरे में लेकर पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

प्राथमिक जांच में ही क्राइम ब्रांच ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए निखिल सिंह और उसकी पत्नी पूनम अग्रवाल की पुरानी हिस्ट्री खंगालना शुरू कर दिया है. फिलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस को एनआईए का जांच का इंतजार है.

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