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सीएम बघेल बोले- CAA-NRC पर पीएम मोदी और शाह में मतभेद, पिस रहा पूरा देश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटोः पीटीआई) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटोः पीटीआई)
aajtak.in
  • रायपुर,
  • 18 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

  • सीएम ने पीएम और गृह मंत्री पर साधा निशाना
  • कहा- सवाल यह कि कौन बोल रहा सच, कौन झूठ

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए), नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा है.

भूपेश बघेल ने कहा है कि आज देश में जो रहा है, अमित शाह जी कहते हैं क्रोनोलॉजी है एनआरसी और सीएए. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि एनआरसी लागू होने वाला नहीं है, तो सवाल इस बात का है कि सच कौन बोल रहा है और झूठ कौन बोल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कह रहे हैं वह सही है या गृह मंत्री अमित शाह जो कह रहे हैं, वह सही है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि लगता है कि दोनों के बीच मनमुटाव हो चुका है और इसकी वजह से पूरा देश पिस रहा है.

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गौरतलब है कि सीएम बघेल ऐसे मुख्यमंत्रियों में से हैं, जो शुरू से ही सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों मोदी सरकार की तुलना अंग्रेजों से करते हुए इस सरकार को काले अंग्रेज बताया था और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका में शुरू किए आंदोलन का जिक्र करते हुए उसी तर्ज पर यहां इस सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की बात कही थी. बघेल ने यह ऐलान किया था कि यदि देश में एनआरसी लाई जाती है तो वह इस पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले पहले व्यक्ति होंगे.

बीजेपी सरकार की मन्शा पर उठाए थे सवाल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की मन्शा पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि यह लोग देश में आग लगाना चाहते हैं. बघेल ने कहा था कि हम कांग्रेस के लोग जान देना जानते हैं.

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बता दें कि देश में सीएए लागू होने के बाद देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए. कई राज्यों में हिंसा हुई तो कई मुख्यमंत्रियों ने इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करने का ऐलान किया था. केरल और पंजाब की विधानसभा ने इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर दिया है.

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