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शाम 5 बजे के बाद जेल में भाई-बहन की मुलाकात जेलर को पड़ी भारी, सस्पेंड

दरअसल रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एचपी किंडो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हाल ही में पुलिस ने उन्हें ग्रामीणों को सरकार के खिलाफ भड़काने, सरकारी काम में बाधा डालने और शांति भंग करने की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया.

जशपुर जेल जशपुर जेल
परमीता शर्मा/सुनील नामदेव
  • जशपुर ,
  • 04 मई 2018,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

एक मौजूदा आईएएस अधिकारी बहन का अपने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी भाई से शाम 5 बजे के बाद जेल में मिलने का मामला इतना गर्माया कि छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जेलर को सस्पेंड कर दिया गया. दरअसल रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एचपी किंडो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हाल ही में पुलिस ने उन्हें ग्रामीणों को सरकार के खिलाफ भड़काने, सरकारी काम में बाधा डालने और शांति भंग करने की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया. किंडो जशपुर के लगभग दो दर्जन गांव में 'पत्थरगढ़ी आंदोलन' को लेकर सुर्खियों में आए थे. उनके नेतृत्व में दो दर्जन से ज्यादा गांव के आदिवासियों ने संवैधानिक संस्थानों को नकारते हुए सिर्फ ग्रामसभा को सर्वोपरि माना था.

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यही नहीं ग्राम सभा के फैसलों को ही मानने का ऐलान करते हुए आदिवासियों ने राज्य की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था कि वो संवैधानिक प्रावधानों का पालन कराने में नाकाम रही है. जल, जंगल और जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं होने से सरगुजा डिवीजन के आधा सैकड़ा से ज्यादा गांवों में बीजेपी सरकार से आदिवासी नाराज हैं. रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एचपी किंडो इसी आंदोलन को तेज करने में जुटे थे. दूसरी ओर प्रशासन ने इस आंदोलन को खत्म करवाने के लिए एड़ी चोटी तक का जोर लगाया और दर्जनों प्रदर्शनकारियों को जेल तक में डाल दिया.

जशपुर जिला जेल में बंद एचपी किंडो से मिलने के लिए उनकी बहन जिनेविवा किंडो पहुंचीं. जिनेविवा किंडो भी सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग में बतौर सचिव के पद पर तैनात हैं. बताया जाता है कि महिला आईएएस अधिकारी ने जेलर से सीधा संपर्क किया और अपने भाई से मेल मुलाकात की गुहार लगाई. जशपुर जेल में तैनात जेलर रमाशंकर सिंह ने इसकी इजाजत दे दी लेकिन कैदियों से मेल मुलाकत के निर्धारित समय के बजाए शाम 5 बजे उन्होंने एचपी किंडो से उन्हें उनकी बहन से मिलवाया.

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जेल अधिनियम के अनुसार शाम पांच बजे के बाद जेल स्टाफ के अलावा कोई भी व्यक्ति जेल के अंदर नहीं जा सकता, लेकिन महिला आईएएस अधिकारी शाम पांच बजे के बाद जेल में दाखिल हुई थी. इसकी शिकायत डीजीपी जेल गिरधारी नायक से की गई थी. जेल प्रशासन ने मामले की जांच कराई. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि निर्धारित समय का उल्लंघन करते हुए यह मेल मुलाकात कराई गई. लिहाजा जेल प्रशासन ने जेलर रमाशंकर सिंह और उस समय सेल में तैनात एक जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया.

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