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छत्तीसगढ़: बीजेपी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पेश करेगी अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास प्रस्ताव पेश होने और उस पर कई घंटों की बहस के बाद हालात इस तरह के बने हैं कि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों का आंकड़ा सदन में अपनी उपस्थिति तक पूरी तरह से दर्ज नहीं करवा पाया है.

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा छत्‍तीसगढ़ विधानसभा
रणविजय सिंह/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

छत्तीसगढ़ विधान सभा में शुक्रवार को कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर लंबी बहस होने वाली है. राज्य की रमन सिंह सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में तीसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने जा रही है. इसके पहले लगातार दो बार अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो चुका है.

अविश्वास प्रस्ताव पेश होने और उस पर कई घंटों की बहस के बाद हालात इस तरह के बने हैं कि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों का आंकड़ा सदन में अपनी उपस्थिति तक पूरी तरह से दर्ज नहीं करवा पाया है. राज्य में कांग्रेस के 39 विधायक हैं. इनमे से तीन लंबे समय से निलंबित चल रहे हैं. अविश्वास प्रस्ताव के बाद होने वाले वोटिंग में कांग्रेस के विधायकों की गैर मौजूदगी अक्सर चर्चा का विषय बनती है.

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इस बार भी क्या ऐसा ही होगा? इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. हालांकि बीजेपी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेसी विधायक दल ने जमकर तैयारी की है. जबकि कांग्रेस को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए बीजेपी ने भी अपने आधा दर्जन मंत्रियों को विकास और कामकाज के आंकड़ों के साथ मैदान में उतारा है. चुनावी साल होने के चलते छत्तीसगढ़ विधानसभा के अंतिम दिन अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामे के आसार हैं. यह विधानसभा का अंतिम सत्र है. इसके बाद तमाम दल चुनावी मैदान में उतरेंगे. अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के बाद विधान सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाएगी.

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने रमन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर राजनीति गरमा दी है. 6 जुलाई शुक्रवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर गरमा गरम चर्चा होगी. बहस को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छह मंत्रियों समेत करीब आधा दर्जन बीजेपी विधायकों के साथ रायशुमारी कर ऐसी रणनीति तैयार की है जो कांग्रेसियों को बगलें झांकने पर मजबूर कर दे.

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दूसरी ओर कांग्रेस ने भी बीजेपी के 15 साल के कार्यकाल पर फोकस किया है. इसमें MSP के दाम में हुई बढ़ोतरी को लेकर पहले दौर में ही बीजेपी पर निशाना साधा जाएगा. कांग्रेस MSP को अपर्याप्त बताकर किसानों की समस्याओं को जोरशोर से उठाएगी. भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, मुलभुत सुविधाओं की कमी, विकास कार्यों में खाना पूर्ति, सरकारी कर्मचारियों और पुलिस आंदोलन पर मुख्य फोकस होगा.  

मौजूदा सरकार के खिलाफ विपक्ष का यह तीसरा अविश्वास प्रस्ताव है. राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई सरकार एक ही कार्यकाल में तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्‍ताव का सामना करेगी. अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर तमाम सरकारी अफसरों, मंत्रियों और विधायकों को चर्चा खत्म होते तक सदन में मौजूद रहने के निर्देश दोनों ही पार्टियों ने दिए हैं. खासतौर पर सत्ताधारी बीजेपी काफी सतर्क है. दूसरी ओर कांग्रेस हमलावर रुख में दिखाई दे रही है.

दरअसल अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे कोई राजनैतिक रंग ना ले ले इसे लेकर बीजेपी की चिंता बढ़ी हुई है. यह अंतिम मौका है जब सदन में बीजेपी और कांग्रेस के विधायक आमने सामने होंगे. दोनों पक्षों की अगली मुलाकात नए सरकार के गठन के बाद फिर इसी सदन में होगी.  

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