
छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी हत्याकांड को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. बस्तर की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर 32 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया था.
पांच साल बाद कांग्रेस ने फिर उसी झीरम घाटी से एक संकल्प यात्रा शुरू की है. इसमें कांग्रेस नेताओं ने राज्य की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है. बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने झीरम घाटी में पांच साल बाद अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. बता दें कि राज्य में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
संकल्प यात्रा निकालने से पहले भूपेश बघेल और राष्ट्रीय सचिव अरुण उरांव समेत समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया. इसके बाद दिवंगत महेंद्र कर्मा के गृहग्राम फरसपाल पहुंचे. वहां कर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई.
दूसरी ओर बीजेपी ने झीरम घाटी हत्याकांड का राजनीतिकरण करने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, ''कांग्रेस की मांग के अनुरूप घटना की जांच पहले एनआईए ने की. इसके बावजूद कांग्रेस इस घटना से राजनैतिक लाभ लेने में जुटी हुई है.''
बता दें कि एनआईए ने झीरम घाटी हत्याकांड को नक्सली घटना करार देकर अपना पल्ला झाड़ लिया था जबकि इतने दिनों बाद भी न्यायिक आयोग झीरम घाटी कांड की जांच को अंतिम रूप नहीं दे पाया है. बहरहाल विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को गरमाने के लिए कांग्रेस जोरशोर से जुटी हुई है.