
छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक के एक किसान राम प्रसाद साहू को बिजली विभाग ने 75 करोड़ 59 लाख रुपये का बिल थमा दिया.
बिजली विभाग के बिल बांटने वाले शख्श ने सामान्यतः बिल का वितरण करने के तहत राम प्रसाद साहू के घर का दौरा किया. इस शख्स ने रामप्रसाद के घर का मुआयना किया और उसके पूरे परिवार को ऊपर से नीचे तक निहारा. इस बात की भी पड़ताल की कि घर में एसी कूलर, बड़ी मशीनें या फिर कल कारख़ाना तो नहीं. कच्चे घर और झोपड़ीनुमा खलिहान में यह शख्स बिजली बिल सुपुर्द कर रुखसत हो गया, लेकिन उसके मन में भी यह सवाल टटोलता रहा कि आखिर राम प्रसाद ने इतनी बिजली कहां खपाई.
दूसरी ओर बिजली बिल में शून्य की भरमार और अंकों की अधिकता देख कर राम प्रसाद का पूरा परिवार शोक में डूब गया. उन्हें अपने खेत खलिहान के नीलाम होने का डर सताने लगा. पूरा परिवार रात भर सदमे रहा. राम प्रसाद, उनके भाई और पत्नी की रात यह सोचते हुए बीती कि ये वाकई बिल की गड़बड़ी है या फिर बिजली विभाग ने उसकी दर में आसमान जैसी बढ़ोतरी कर दी है. राम प्रसाद की साजापाली इलाके में ढाई एकड़ खेती है. इस बार सूखे की वजह से पैदावार नष्ट भी होग गई है. इसके बावजूद भारी-भरकम बिल आने से उसके होश फाख्ता थे. दूसरे दिन सुबह पूरा परिवार सरपंच के यहां गया, फिर बिजली दफ्तर. इस बीच करोड़ों के बिल की खबर गांव में जंगल में लगी आग की तरह फ़ैल गई. बिजली बिल भी वायरल हुआ.
आखिरकर एक बाबू ने कम्प्यूटर पर नजरें फेरी और फौरन प्रिंटर से नया बिल निकाल कर दे दिया. इस पर वास्तविक रीडिंग के आधार पर 1820 रुपये का भुगतान किये जाने की इबारत दर्ज थी. रामप्रसाद ने राहत की सांस ली. दूसरी ओर वायरल हुए बिजली के बिल ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था.
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अंकित आनंद का बयान आया कि बिल तैयार करने वाले दो बाबू दोज कुमार देवांगन और गरुड़ प्रधान को लापरवाही बरतने के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने इसे मानवीय चूक बताते हुए कहा कि कम्प्यूटर में डाटा एंट्री सुनिश्चित करते वक्त दोनों ने चेक वॉर्निंग के सन्देश को नजरअंदाज कर दिया था.