
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने घातक हमले को अंजाम दिया. सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया. जवानों को भनक नहीं थी कि चिंतागुफा-बुर्कापाल-भेजी इलाके के करीब 300-400 नक्सली घात लगाए बैठे हैं. नक्सलियों ने छोटे-छोटे दल बनाए और हमले की शुरुआत एक आईईडी ब्लास्ट से की. इसके बाद नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें 25 जवान शहीद हो गए. सोमवार को हुए इस हमले में कुल 25 जवान शहीद हुए हैं, तो वहीं 7 जवान घायल हुए हैं.
आपको बता दें कि अभी भी सीआरपीएफ के कंपनी कमांडर समेत 6 जवान लापता हैं. छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए सीआरपीएफ के जवानों पर हमले से पूरा देश गुस्से में है. सुकमा में शहीद हुए जवानों के बारे में आपको बताते हैं.
1) छत्तीसगढ के सुकमा में नक्सलियों के हमले में शहीद नरेश कुमार सोनीपत के गांव जैनपुर के पहने वाले थे. नरेश कुमार की पत्नी राजबाला चाहती हैं कि उनके पति और जितने भी जवान शहीद हुए है, सरकार उनके लिए सख्त कार्रवाई करे और किसी भी दोषी को न छोड़ा जाए. राजबाला ने कहा कि वह एक महिला है, और उनके तीन बच्चे हैं, उसमें एक लड़की है, उसका पालन- पोषण अकेली कैसे करेगी, सरकार उसकी मदद करे. और मांग की किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी भी मिलनी चाहिए.
2) छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हुए हमले में करनाल के गांव खेड़ी मानसिंह का जवान राममेहर शहीद हो गए हैं. राम मैहर के परिवार में उनके पिता पूर्ण चन्द्र संधू को रात करीब 12 बजे सीआरपीएफ के अधिकारियों का फोन आया की उनका बेटा शहीद हो गया है. तब से ही घर में मातम का माहौल है. शहीद अपने पीछे पत्नी और एक बेटा और बेटी छोड़ गए हैं. राममेहर के पिता पूर्ण संधू का कहना है कि राममेहर ने 1 मई को छुट्टी पर घर आना था लेकिन ये हादसा हो गया. राम मैहर के पिता अपने बेटे की मौत के लिए सरकार को दोषी मानते हैं. उनका कहना है कि सरकार अपने जवानों को मरवा रही है लेकिन उग्रवादियों के खिलाफ खुली कार्रवाई के आदेश नहीं देती हैं.
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले हुए आई आई डी ब्लास्ट में भी राममेहर काफिले में थोड़ी दूर होने के कारण बच गया था, लेकिन इस बार भाग्य ने साथ नहीं दिया और वो शहीद हो गए.
3) सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 74 वें बटालियन के 25 जवान शहीद हो गए, जिसमें जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील के धौरासांड का जवान बनमाली शहीद हो गए. शहीद होने की खबर से घर में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे गांव में शोक की लहर है. परिवारवालों को शहीद के शव के आने का इंतजार है. शहीद के पिता रथा राम को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन साथ में इस बात का दुःख भी है कि सरकार नक्सलियों को खत्म नहीं कर पा रही है. वहीं पत्नी को कुछ सूझ नहीं रहा है कि अब वह क्या करें, शहीद बनमाली ने अपने पिता से तीन दिन पहले बात की थी और बताया था कि साहब आ जाएं तो छुट्टी लेकर आऊंगा. वहीं शहीद की पत्नी से रविवार को बात हुई कि हेलीकाप्टर आ नहीं रहा है और साहब अभी आए नहीं हैं, इसीलिए घर नहीं आ पा रहा हूं. फिर घर का हाल-चाल पूछा और बेटी की फोन पर उसकी आवाज सुनी.
4) छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद नरेश यादव बिहार के दरभंगा जिले के अहिला गाव के रहने वाले थे. सबसे पहले नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान के शहीद होने की खबर मीडिया में आई, उसके कुछ देर बाद हमले में दरभंगा के नरेश यादव के भी शहीद होने की खबर जैसे ही टीवी पर आई. नरेश यादव का परिवार सकते में आ गया किसी को विशवास नहीं हो रहा था कि नरेश यादव अब इस दुनिया में नहीं है वह मौत के काल में समा गया थोड़ी देर बाद ही सीआरपीएफ कैम्प से नरेश यादव के शहीद होने की खबर मिली.
गौरतलब है कि शहीद नरेश यादव जनवरी 2017 में डयूटी पर गए थे. शहीद के 3 बच्चे हैं. शहीद का गांव में नया घर को बन रहा था और उसकी जानकारी के 2 दिन पहले पत्नी से बात की थीं.
5) सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 74 वें बटालियन के 25 जवान शहीद हो गए. जिसमें बिहार के सासाराम से भी एक जवान शहीद हो गए. जवान को भतीजी के विवाह में भाग लेने के लिए 28 अप्रैल को घर लौटना था. शहीद के ही कन्धे पर शादी की सारी जिंमेदारी थी. जोकि शादीअब शायद ही संभवत: हो सके.
6) छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद सौरभ बिहार के दानापुर के रहने वाले थे. शहीद सौरभ की 3 साल पहले ही शादी हुई थी. और 7 महीने का एक बेटा है. शहीद सौरभ घर छुट्टी पर आया था, और अभी 19 मार्च को ड्यूटी पर वापस आ गया था. हादसे की खबर मिलने के बाद से कोहराम मचा हुआ है. वहीं पूरे गांव में शोक की लहर है.
7)छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में बिहार के एक और लाल शहीद हो गए. शहीद अभय मिश्रा बिहार के भोजपुर के रहने वाले थे. घर में मातम छाया हुआ है. शहीद के पिता ने कहा कि शहीद अभय घर में अपने लोगों के साथ लड़ाई में शहीद हो गया, यही दुख का कारण है. यदि वह दूसरे देश के साथ लड़ाई में शहीद होता तो इतना अधिक दुख नहीं होता.
8) सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 74 वें बटालियन के 25 जवान शहीद हो गए. जिसमें बिहार के कूच बिहार के रहने वाले कृष्ण कुमार शहीद हो गए. शहीद के पिता ने कहा कि वह हमारे परिवार में एकमात्र कमाई वाले सदस्य था. मुझे नहीं पता कि हम सब अब उसके बिना अपनी जिंदगी कैसे जिएंगे. हम लोग इंतजार कर रहें हैं कि शहीदों के बारें में सरकार के निर्णय लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
9) नक्सलियों के हमले में बिहार के शेखपुरा के रहने वाले रणजीत कुमार भी शहीद हो गए. रणजीत ने 2 दिन पहले परिवार से फोन पर बात की थी, और बताया था कि वह 28 मई को छुट्टी पर आएगा. घर में रणजीत के शहीद होने की खबर सुनकर चीख- पुकार मच गई. शहीद की मां का रो- रोकर बुरा हाल था, जो भी उनको दिख रहा था, उससे बोल रही थी कि - मेरा बेटा कहीं खो गया है, कोई उसे ढूंढ़ कर ला दें.
10) सुकमा में हुए नक्सली हमले में अमृतसर के रहने वाले रणबीर सिंह शहीद हो गए. हादसे की खबर मिलने के बाद से ही घर में कोहराम मचा हुआ है. शहीद के घर वालों को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है लेकिन साथ में इस बात का दुःख भी है कि सरकार नक्सलियों को खत्म नहीं कर पा रही है.