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40 फीसदी लोगों ने लौटाए डीडीए फ्लैट्स

दिल्ली में डीडीए क्या घटिया क्वालिटी के मकान देती है, जो रहने लायक नहीं होते हैं. ये सवाल नहीं बल्कि संसद के भीतर दिया गया जवाब है. दो साल पहले यानी 2014 में दिल्ली में लाखों की तादाद में घरों के लिए आवेदन डीडीए के पास आए थे.

लोगों ने लौटाए डीडीए फ्लैट्स लोगों ने लौटाए डीडीए फ्लैट्स
सना जैदी/कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

राजधानी दिल्ली में डीडीए का मकान मिलना किसी लॉटरी लगने से कम नहीं होता है. 2014 में डीडीए के तहत हजारों की संख्या में लोगों ने घर के लिए आवेदन किया था. जिसमें से 25 हजार लोगों को मकान मिल पाया और उनमें से 11 हजार लोगों ने फ्लैट डीडीए को लौटा दिए हैं.

40 फीसदी लोगों ने लौटाए डीडीए फ्लैट
दिल्ली में डीडीए क्या घटिया क्वालिटी के मकान देती है, जो रहने लायक नहीं होते हैं. ये सवाल नहीं बल्कि संसद के भीतर दिया गया जवाब है. दो साल पहले यानी 2014 में दिल्ली में लाखों की तादाद में घरों के लिए आवेदन डीडीए के पास आए थे. जिनमें से 25 हजार से ज्यादा लोगों को ही मकान मिल पाया. 25 हजार फ्लैट्स में से लगभग 11 हजार लोगों ने फ्लैट सरेंडर कर दिए, यानी लौटा दिए हैं. ये हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि दिल्ली में डीडीए का मकान मिलना किसी लॉटरी के लगने से कम नहीं होता है. यही वजह है कि न सिर्फ लोगों को डीडीए की हाउसिंग स्कीम की घोषणा का इंतजार होता है बल्कि उसकी लॉटरी कब निकल रही है इसका भी इंतजार रहता है.

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लोकसभा में मंत्री ने किया चौंकाने वाला खुलासा
दरअसल गुरुवार को डीडीए की हाउसिंग स्कीम से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था जिसका लिखित जवाब सदन मे दिया गया. जवाब शहरी विकास राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह की ओर से आया. जवाब में बताया गया कि 2014 में आवंटित घरों में से 40 फीसदी लोगों ने अपने घरों को वापस लौटा दिया. सरकार ने जवाब में ये भी बताया कि लौटाने की मुख्य वजह घरों का छोटा होना और इन घरों की लोकेशन है. आवंटन के बाद से ही इन घरों के निर्माण की क्वालिटी पर गंभीर सवाल उठ रहे थे. लोगों ने बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी और बिजली की आपूर्ति को लेकर सवाल उठाए थे. ज्यादातर फ्लैट दिल्ली के बाहरी इलाकों में बनाए गए जहां कनेक्टिविटी एक बड़ी समस्या है. इसलिए लोगों ने रहने की बजाए इन घरों को वापस डीडीए को लौटाने में ही भलाई समझी.

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क्या होगा अब इन घरों का?
अब सरकार इस जुगत में है कि कैसे इन घरों के लिए खरीददार ढूंढे जाएं. ऐसे सरेंडर फ्लैटों को नई पॉलिसी के तहत बेचा जाएगा, जिसमें टर्म और कंडीशन भी नए होंगे. लेकिन ऐसा अभी होगा या आने वाली स्कीम में होगा ये फिलहाल तय नहीं है. दरअसल डीडीए अभी 60 हजार नए फ्लैट और बना रही है जो दो साल में तैयार हो जाएंगे. यानी अगली हाउसिंग स्कीम के लिए 2018 का इंतजार करना होगा.

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