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DU में दिल्ली वालों को 80% आरक्षण का प्रस्ताव, NCR के छात्र नाराज़

खासकर नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और गुड़गांव जैसे दिल्ली के आसपास के इलाके के छात्र बेहद नाराज है और ऐसा होने पर अपने भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
स्मिता ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2017,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छात्रों को सरकार द्वारा संचालित सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजो में 80% आरक्षण देने का मन बना लिया है और इस बाबत दिल्ली के शिक्षा मंत्री को रास्ता निकालने के आदेश भी दे दिए है. इस पहल से जहां दिल्ली के छात्रों में खुशी है, वहीं देश के अन्य राज्यों के छात्र मायूस हैं.

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खासकर नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और गुड़गांव जैसे दिल्ली के आसपास के इलाके के छात्र बेहद नाराज है और ऐसा होने पर अपने भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि राजधानी के छात् र उनसे लगातार इस बात को लेकर दुख जाहिर करते रहे हैं कि अच्छे अंको के बावजूद उनको खुद के शहर के कॉलेजो में ऊंचे कटऑफ के चलते दाखिला नहीं मिल पाता है.

इसकी वजह यह है कि उनके साथ-साथ देश के अन्य राज्यों के छात्र भी दाखिले की दौड़ में हिस्सा बनते है, जिससे उनकी सीटें छिन जाती है और मजबूरन उनको छोटे कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ता है. इस पहल से दिल्ली के छात्रों को दाखिले का अवसर मिलेगा. पर वहीं राजधानी के कॉलेजों पर समान अधिकार का हवाला देते हुए दूसरे शहरों के छात्र इस पहल को गलत ठहरा रहे हैं.

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ग़ाज़ियाबाद के छात्र मायूस

केजरीवाल के इस फैसले से दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद के छात्र बेहद मायूस है. यहां की रहने वाली दीप्ति ने इसी साल कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा 95% अंको से पास की है और उसका सपना दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी कॉलेज में दाखिला लेने का था, क्योंकि ग़ाज़ियाबाद में अच्छे कॉलेज नहीं हैं. उसका कहना है कि अगर ऐसा होता है, तो उसका सपना ही टूट जाएगा. मेरे पास यहां कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़कर उनको बेहतर भविष्य की उम्मीद थी, जो ऐसा होने पर पूरी नहीं होगी.

नोएडा के छात्र भी चिंतित

नोएडा दिल्ली से बेहद करीब है. यहां बड़े प्राइवेट कॉलेज तो है, पर उनकी महंगी फीस से ज्यादातर छात्र दाखिला नहीं ले पाते हैं. नोएडा से मेट्रो के जरिए आसानी से दिल्ली पहुंचा जा सकता है और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों की फीस भी अन्य जगहों से कम है, जिससे बेहतर भविष्य का सपना लेकर हज़ारों छात्र दिल्ली पहुचते हैं. नोएडा की साक्षी का कहना है, 'दिल्ली सरकार इस तरह का फैसला नहीं ले सकती. दिल्ली देश की राजधानी है और उस पर सभी का सामान अधिकार है. मेरे भी 98% अंक है. मैं अब कहा जाऊंगी. बाहर पढ़ाने के लिए मेरे माता-पिता के पास पैसे नहीं है. अब कहां जाएंगे.

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गुड़गांव के छात्र नाराज़

दिल्ली के मुख्यमंत्री के फैसले से गुड़गांव के छात्र बेहद नाराज हैं. 12वीं पास छात्रों के साथ-साथ 12वीं में पढ़ने वाले छात्र भी इस पहल पर सवाल उठा रहे हैं. अगले साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए अभी से तैयारी कर रही नेहा बेहद गुस्से में हैं. उसका कहना है कि वह उनके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? हम अच्छे अंको के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और राजधानी के कॉलेज में दाखिला मेरिट के आधार पर होता है. दिल्ली के छात्र भी मेहनत करे और एडमिशन ले लें. अगर सभी राज्यों के कॉलेज में आरक्षण हो जाएगा, तो देश का कोई भी छात्र कहीं और दाखिल नहीं ले पाएगा.

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