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चंदा लेने के सवालों में फंसी AAP ने बीजेपी-कांग्रेस को घेरा

चंदे के मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए 'आप' प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा, "जो पार्टियां खुद अवैध विदेशी चंदा लेने के मामले में फंसी हैं वो पिछले चार साल से लगातार वही फर्जी चेक और कागज लेकर शोर मचा रही हैं ताकि आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जा सके."

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

विवादों में उलझी आम आदमी पार्टी ने चंदा लेने की प्रक्रिया पर सफाई पेश की है. मंगलवार को पार्टी नेता दिलीप पांडे और आतिशी मार्लेना ने बीजेपी-कांग्रेस के विदेशी फंड पर सवाल खड़े करते हुए गृह मंत्रालय से कार्रवाई करने की मांग की है.

AAP प्रवक्ता आतिशी मार्लेना ने आरोप लगाते हुए कहा, "मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को नोटिस भेजते हुए कहा था कि अवैध रुप से विदेशी चंदा लेने के आरोप में बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों की मान्यता को रद्द किया जाए. ना तो गृह मंत्रालय ने इस पर कोई एक्शन लिया और ना ही हाईकोर्ट को कोई जवाब ही दिया. उसके बाद जून 2015 में चुनाव आयोग ने भी गृह मंत्रालय को चिठ्ठी लिखी थी कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बीजेपी-कांग्रेस पार्टियों पर मंत्रालय एक्शन ले क्योंकि कानून के तहत चुनाव आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता."

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आम आदमी पार्टी के मुताबिक विदेशी फंड के मामले में इसी साल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 2014 के हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कोर्ट की अवमानना करने के खिलाफ याचिका दायर की और एक बार फिर से हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कारण-बताओ नोटिस जारी किया है. लेकिन इन सबके जवाब में बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने 2016 में फायनेंस बिल के जरिए FCRA कानून में ही संशोधन कर डाला जिसे रैट्रोस्पैक्टिव इफेक्ट से लागू किया गया और नियम को अमल में लाने की तारीख भी साल 2010 की रखी गई.

आम आदमी पार्टी आज केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से 3 सवाल पूछे हैं
1- बीजेपी-कांग्रेस ने अवैध तरीके से विदेशी चंदा क्यों लिया?
2- विदेशी चंदा लेने के आरोप में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशानुसार गृह मंत्रालय ने बीजेपी-कांग्रेस पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया?
3- आखिर क्यों FCRA कानून में संशोधन पिछले दरवाजे से किया गया और बीजेपी-कांग्रेस को बचाया गया?

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चंदे के मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए 'आप' प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा, "जो पार्टियां खुद अवैध विदेशी चंदा लेने के मामले में फंसी हैं वो पिछले चार साल से लगातार वही फर्जी चेक और कागज लेकर शोर मचा रही हैं ताकि आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जा सके."

पांडे ने दावा किया, "आम आदमी पार्टी का 92 प्रतिशत चंदा चेक और बैंक के माध्यम से आता है जबकि बाकि बचे 8 प्रतिशत को भी पूरी जानकारी के साथ बैंक में जमा करा दिया जाता है. साथ ही चुनाव आयोग को भी फंड से जुड़ी तमाम जानकारी दी जाती है."

कपिल मिश्रा के चंदे को लेकर उठाए सवालों पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि खुद गृह मंत्रालय दो बार हलफनामा देकर हाईकोर्ट में यह कह चुका है कि आम आदमी पार्टी के चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं है और आम आदमी पार्टी ने विदेशी चंदा लेने के मामले में किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है. बीजेपी ने अपना मोहरा कपिल मिश्रा को बनाया हुआ है जो भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करते हुए फर्जी कागजों के आधार पर भ्रम फैला रहे हैं."

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