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JNU हिंसा पर दिल्ली पुलिस के बाद ABVP ने भी की PC, कहा- यह एक राजनीतिक साजिश थी

एबीवीपी की प्रदेश अध्यक्ष निधि त्रिपाठी ने कहा कि जो लोग हिंसा के हिस्सा थे वो ही देश को मूर्ख बनाने के लिए विक्टिम कार्ड खेल रहे थे. पुलिस ने जिन एबीवीपी सदस्यों का नाम लिया है उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, फोटो में वह व्यक्ति साफ तौर पर नहीं दिखाई दे रहा है.

शाम करीब 6 बजे एबीवीपी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी (फाइल फोटो: PTI) शाम करीब 6 बजे एबीवीपी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी (फाइल फोटो: PTI)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

जेएनयू में कुछ दिन पहले हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उसने हिंसा के लिए मुख्य तौर पर वाम छात्र संगठनों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की. जिसके बाद शाम करीब 6 बजे छात्र संगठन एबीवीपी ने भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी.

निधि त्रिपाठी बोलीं- एबीवीपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं

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एबीवीपी की प्रदेश अध्यक्ष निधि त्रिपाठी ने कहा कि जो लोग हिंसा के हिस्सा थे, वो ही देश को मूर्ख बनाने के लिए विक्टिम कार्ड खेल रहे थे. पुलिस ने जिन एबीवीपी सदस्यों का नाम लिया है उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, फोटो में वह व्यक्ति साफ तौर पर नहीं दिखाई दे रहा है. एबीवीपी के सदस्य वॉट्सएप ग्रुप के सदस्य थे लेकिन उन्होंने ग्रुप छोड़ दिया था. हम चाहते हैं कि पुलिस पूरे वॉट्सएप ग्रुप की पड़ताल करे. हम पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे.

निधि ने आगे कहा कि हम जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस से अपील करते हैं कि वे जेएनयू के छात्रों को सुरक्षा प्रदान कराएं ताकि जेएनयू वापस पढ़ाई के मोड में आ सके. अगर मीडिया के पास हिंसा का कोई सबूत है तो उसे पुलिस के साथ साझा करना चाहिए.

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हिंसा में घायल छात्र ने सुनाई अपनी आपबीती

5 जनवरी को हिंसा में घायल छात्र ने कहा कि मैं घायल हुआ क्योंकि मैं वहां रजिस्ट्रेशन के लिए गया था. वह रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन था. मैंने देखा कि कई सारे लोग एडमिन ब्लॉक से दौड़ते हुए आ रहे थे. मुझे पता नहीं था कि क्या हुआ है. लोगों के हाथ में डंडे थे. एक लड़की मेरे पास आई जिसकी पहचान पुलिस ने की है और मुझे धमकाने लगी और बोली तुम एबीवीपी से हो. उसने मुझे थप्पड़ मारा और मेरे बाल खींचे. उसने कहा तुम नॉर्थ-ईस्ट से हो, तुम कैसे उन लोगों का समर्थन कर सकते हो. मैं पेरियार हॉस्टल की तरफ भागा और एक कमरे में छुप गया. लेकिन कुछ देर बाद लोग वहां पहुंच गए और दरवाजा पीटने लगे. बाहर लोगों के हाथ में लाठी और रॉड थीं.

वहां बिलकुल कश्मीर जैसे हालात थे: मनीष

जेएनयू के छात्र ईकाई के सचिव मनीष ने कहा कि भीड़ ने पेरियार हॉस्टल पर पत्थरबाजी की. बिलकुल कश्मीर जैसे हालात थे. सबने मास्क पहन रखे थे और थोड़ी दूरी से पत्थरबाजी कर रहे थे. यह वही हॉस्टल है जिस पर पहले भी हमला हो चुका है. पेरियार हॉस्टल में अधिकतर एबीवीपी समर्थित छात्र रते हैं. हममें से 4 लोग पेरियार हॉस्टल के 24 नंबर कमरे में छुपे हुए थे. भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया था. जो लोग हमारे साथ उठते-बैठते थे और चाय पीते थे वो लोग भी इसमें शामिल थे.

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एबीवीपी नेता बोले- यह एक राजनीतिक साजिश

सतीश चंद्र यादव ने कहा कि जेएनयू छात्रसंघ के सचिव भी भीड़ में मौजूद थे. उनका नाम अभी तक सामने नहीं आया है. आइशी घोष भी वहां मौजूद थीं. उन लोगों ने मुझे लाठी और डंडों से तब तक मारा जब तक मैं बेहोश नहीं हो गया. मुझे एम्स ले जाया गया. वहां मैंने जेएनयू के टीचर्स, बृंदा करात, प्रियंका गांधी को देखा, हमने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. एम्स में डॉक्टरों ने हमसे पूछा कि हम एबीवीपी से हैं या लेफ्ट से. यह एक राजनीतिक साजिश थी. ये सभी राजनेता उसी वक्त जेएनयू कैसे पहुंच गए. मीडिया ने भी गलत रिपोर्टिंग की. आज पुलिस ने 4 संगठनों के नाम लिए हैं जो उस मामले में शामिल थे.

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