
आम्रपाली ग्रुप के होम बायर्स अपने आशियाने का अभी तक इंतजार ही कर रहे हैं, उनके अपने घर का सपना पैसे देने के बावजूद भी अधूरा ही है. ऐसे ही खरीदार पुष्पेंद्र और रंजीत भी हैं, जिनका कहना है कि उन्होंने सुनहरे भविष्य की चाहत में करीब 10 साल पहले आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट के तहत घर बुक कर लिया था. जब उन्होंने घर बुक किया था तब शादी-शुदा नहीं थे, आज दोनों के बीवी-बच्चे हैं.
उनका परिवार बड़ा हो गया, लेकिन रहने के लिए घर अब तक नहीं मिला. आम्रपाली ने इनके सपनों को रौंद डाला है, लिहाजा इनकी चाहत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में आम्रपाली के उन 42 हजार लोगों की बात पीएम करें जिन्हें अब तक घर नहीं मिला है और ये भी नहीं पता कि कब मिलेगा.
ऐसे ही आम्रपाली के होम बायर्स में संदीप ऐसे शख्स हैं जिन्हें बिना घर के ही लोन की किस्त चुकाने को मजबूर होना पड़ रहा है. दरअसल, सबवेंशन प्लान के तहत घर के पजेशन तक ईएमआई नहीं देनी थी लेकिन बिल्डर ने ईएमआई नहीं चुकाई और उन्हें ही बैंक की किस्त देनी पड़ रही है.
सुप्रीम कोर्ट रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली ग्रुप को होम-बायर्स के पैसों को इधर से उधर करने के लिए जिम्मेदार ठहरा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को निर्माण कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी भी दी, लेकिन सवाल ये है कि निर्माण शुरू करने के लिए पैसे कहां से आएंगे. निर्माण के लिए ज़रूरी फंड जुटाने के लिए सरकार दखल दे या फिर पैसे का कोई इंतजाम करे. इन्हीं मांगों को लेकर नोएडा और ग्रेटर नोइडा के आम्रपाली होम बायर्स ने रविवार को डीएनडी फ्लाई-वे पर विरोध प्रदर्शन किया.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को हिदायत दी कि वो आम्रपाली की प्रॉपर्टी को बेचकर निर्माण का काम शुरू करे, लेकिन दिक्कत ये है कि इस काम में बहुत ज्यादा समय लग सकता है. यही कारण है कि खरीदार रविवार को छुट्टी के दिन भी अपने परिवार के साथ किसी पिकनिक स्पॉट पर नहीं बल्कि सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए.