
अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में एमसीडी के चुनाव हैं और राज्य चुनाव आयोग इसके पहले नगर निगम वार्ड के परिसीमन यानी डेलिमिटेशन के काम में जुटा है. तमाम वार्डों की सीमाएं नए सिरे से तय की जा रही हैं और यह राजनीतिक दलों के लिए भी किसी मशक्कत से कम नहीं है. स्थानीय नेताओं के लिए तो ये एक सिरदर्द होता है, क्योंकि उन्हें ये ध्यान रखना होता है कि कहीं उनके समर्थकों वाली कोई गली किसी दूसरे वार्ड में न खिसक जाए.
परिसीमन से नफा-नुकसान पर निगाहें
राज्य चुनाव आयोग डेलिमिटेशन से पहले वार्डों की सीमाओं को जनसंख्या के लिहाजा से री-अरेंज करके इसका एक ड्राफ्ट तैयार करता है और फिर इसपर आपत्ति और सुझाव मांगें जाते हैं. फिलहाल दिल्ली में यही प्रक्रिया चल रही है. दिल्ली कांग्रेस अपनी आपत्ति इस पूरी प्रक्रिया को लेकर पहले ही जता चुकी है और अब दिल्ली बीजेपी ने ड्राफ्ट में ही विसंगतियां होने की बात कही है.
ड्राफ्ट पर बीजेपी ने उठाए सवाल
दिल्ली बीजेपी से जुड़े एक नेता के मुताबिक इस बार पार्टी का ध्यान परिसीमन पर ज्यादा है और इसीलिए हर वार्ड में एक मतदाता सूची प्रभारी बनाया है. इस प्रभारी का काम है कि पार्टी की मजबूत स्तिथि वाले वार्ड में कोई छेड़छाड़ तो नहीं हुई है, क्योंकि ड्राफ्ट में कई गलियां एक से दूसरे वार्ड में शिफ्ट की गई हैं. इन प्रभारियों का काम है कि वो इस तरह की गलियों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करें, ताकि चुनाव आयोग के सामने पार्टी अपना ऑब्जेक्शन दर्ज करा सके. मतलब ये है कि आने वाले एक महीने में राजनीतिक पार्टियों के रणनीतिकारों के दिन माथापच्ची वाले ही रहेंगे.