
दिल्ली में 2013 और 2015 में विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी जीत नहीं सकी लेकिन इस दौरान पार्टी भारी चंदा हासिल करने में कामयाब रही थी. एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि दोनों विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को सबसे ज्यादा 608.21 करोड़ रुपये का डोनेशन मिला था. जबकि दोनों बार दिल्ली की सत्ता हथियाने वाली आम आदमी पार्टी के चंदे में 275 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया.
राजधानी में राजनीतिक पार्टियों के डोनेशन पर नजर रखने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2013-14 में बीजेपी को 170.86 करोड़ का चंदा मिला था, जबकि 2014-15 में इसमें 156 फीसदी की बढ़ोतरी हुई यानि पार्टी की झोली में 437.35 करोड़ रुपये आए.
आप के चंदे में 275% बढ़ोतरी
आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग को बताया था कि 2013-14 में जब वो दिल्ली की सत्ता में आए थे, तब उन्हें 9.42 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. 2014-15 में पार्टी का फंड बढ़कर 35.28 करोड़ हो गया. हिसाब लगाया जाए, तो उसके चंदे में 275 फीसदी की बढ़ोतरी आंकी गई.
अन्य पार्टियों को चंदा
शरद पवार की नेशनल कांग्रेस पार्टी(NCP) को दो सालों में 52.84 करोड़ का चंदा हासिल हुआ. रिपोर्ट के मानें, तो इन दो सालों में बाकी पार्टियों के मुकाबले सीपीआई और सीपीआई-एम के फंड में सबसे कम इजाफा हुआ . सीपीआई ने 2013-14 में चंदे की रकम 1.22 करोड़ रुपये बताई, जबकि उससे अगले साल के चंदे में महज 9 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते 1.33 करोड़ का फंड हासिल हुआ. सीपीआईएम को इन सालों में 2.09 करोड़ और 3.42 करोड़ रुपयों का चंदा मिला.
कांग्रेस की झोली भी मालामाल
दिल्ली विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस को 2014-15 में 141.45 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो बीते साल के मुकाबले 81.88 करोड़ रुपये ज्यादा था. यानि भले ही वो सीटें हासिल नहीं कर सकी लेकिन चंदे के मामले में बीजेपी से बस कुछ ही कदम पीछे थी.
तरसती रही बीएसपी
ADR और नेशनल इलेक्शन वॉच ने रिपोर्ट में कहा, 'बीएसपी ने बताया कि 2014-15 में 20,000 रुपयों से ज्यादा का चंदा नहीं मिला, जैसा कि वो पिछले 10 सालों से बताती आ रही है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांचों राष्ट्रीय पार्टियों को इस समयावधि के दौरान कुल मिलाकर 870.15 करोड़ रुपये का चंदा मिला(2013-14 में 247.77 करोड़ और 2014-15 में 622.38 करोड़).
दोनों बार आप ने ही बनाई सरकार
दिल्ली में दिसंबर 2013 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी पर ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी लेकिन फरवरी 2014 में पार्टी ने लोकपाल बिल पास नहीं कर पाने के चलते सत्ता छोड़ दी थी. उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. लेकिन 2015 में फिर से हुए विधानसभा चुनावों में आप ने बहुमत के साथ जीत हासिल की और एक बार से सत्ता पर काबिज हो गई.