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ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल: ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल ने फिल्मों की चुनौतियों पर की चर्चा

फिल्म 'दे विल कम बैक' क्रिस एवं उसके बड़े भाई पीयू की कहानी है. जिन्हें उनके अपने माता-पिता समुद्री तट की एक यात्रा के दौरान लगातार आपस में लड़ने की सजा के रूप में एक सड़क के किनारे छोड़ गए हैं.

ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:59 AM IST

ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान मौजूद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सांस्कृतिक रूप से एक समृद्ध और विविधतापूर्ण देश है. ब्राजील कई मायनों में भारत के ही समान है. ब्राजील की फिल्मों के कलाकारों एवं तकनीकी कर्मियों ने फिल्मों के पीछे के विचार और फिल्मों की शूटिंग करने के दौरान हुए अपने अनुभवों को साझा किया.

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उन्होंने ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल में ब्राजील की भागीदारी के महत्व पर भी प्रकाश डाला. ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल नई दिल्ली के सीरी फोर्ट में चल रहा है. इस अवसर पर फिल्म 'दे विल कम बैक' की चर्चा करते हुए फिल्म की अभिनेत्री मारिया लुइजा टवारेश ने कहा कि इस फिल्म को वर्ष 2011 में फिल्माया गया था. जब वह केवल 13 वर्ष की थीं. 2015 से ही वह दुनिया भर में विभिन्न फिल्म समारोहों में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए जा रही हैं. उसने तब से काफी कुछ सीखा है.

फिल्म 'दे विल कम बैक' क्रिस एवं उसके भाई की कहानी
फिल्म 'दे विल कम बैक' क्रिस एवं उसके बड़े भाई पीयू की कहानी है. जिन्हें उनके अपने माता-पिता समुद्री तट की एक यात्रा के दौरान लगातार आपस में लड़ने की सजा के रूप में एक सड़क के किनारे छोड़ गए हैं. कुछ घंटे यह महसूस करने के बाद कि उनके माता-पिता अब वापस नहीं लौटेंगे, पीयू एक गैस स्टेशन की तलाश में चला जाता है. क्रिस पूरे दिन उसी जगह पर बिना अपने माता-पिता या भाई के बारे में कोई खबर जाने बैठी रहती है. फिर खुद ही घर वापस लौटने का फैसला करती है.

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रोड 47 की निर्माता इजाबेल मार्टिनेज कहती हैं कि रोड 47 दुनिया के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण फिल्म है. क्योंकि यह द्वितीय विश्वयुद्ध के सैन्य इतिहास के अब तक अचर्चित रहे अध्याय का खाका खींचती है. दुनिया इटली में मित्र देशों की सेनाओं में 25 हजार ब्राजीली सैनिकों के टुकड़ियों की भागीदारी के बारे में अवगत नहीं है. रोड 47 एक एक्शन फिल्म नहीं है, लेकिन यह युद्ध में ब्राजील की भागीदारी की चर्चा करती है. इसे अधिकतर इटली में ही फिल्माया गया है.

'बिटविन वैलीज' की सहायक निर्माता क्रिस्टिन डी स्टेफानो फ्यू ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि डम्पिंग काम के जारी रहते हुए दुनिया के एक सबसे बड़े डम्प्स्टर में फिल्म की शूटिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण था. इसी से जुड़ा एक अन्य कठिन कार्य डम्प्स्टरों में रहने वाले लोगों की जीवन शैली को सीखना था. जो जीने के संघर्ष में अपनी पहचान खो बैठे थे.

 

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