
जेब में पैसे न हो तो सबसे पहले असर रोज़मर्रा की जरूरतों पर पड़ता है, ऐसे में जब नोटबंदी के पचास दिन गुजर गए हो और कैश की किल्लत का हल्ला भी मचा हो तब इस सवाल का जवाब ढूंढना लाजमी हो जाता है कि आर्थिक तौर पर आखिरी पायदान की तरफ खड़े व्यक्ति का जीवन कैसे गुजरा. इस लिहाज़ से नोटबंदी के पचास दिनों में जिंदगी मुश्किल हुई या फिर सबकुछ पटरी पर है, जानने की सबसे अच्छी जगह है रेहड़ी-पटरी बाजार.
साउथ एक्स और एम्स के बीच ऐसी ही एक जगह है, जहां खाने पीने की कई रेहड़ियां लगती हैं. यहां लोग सुबह-सुबह नाश्ता करने से लेकर दोपहर का खाना भी सस्ती दरों मे खा सकते हैं. आम आदमी के जीवन में, उसकी थाली में नोटबंदी के बाद क्या कुछ बदलाव हुआ. साथ ही दुकानदारों के हालात को भी जाना, उनके व्यापार पर नोटबंदी का क्या कुछ असर पड़ा या फिर सबकुछ पहले की तरह सामान्य ही है.
लोगों को नान और दाल मखनी खिलाने वाले मनीष से जैसे ही सवाल दागा कि क्या स्थिति है उनके व्यापार की, तपाक से जवाब दिया कोई फर्क नहीं पड़ा. खाना खा रहे रामलाल ने भी यही बात दोहराई. कैश की किल्लत जरूर हुई, लेकिन खाना खाने जैसी जरूरत के मुताबिक इंतजाम होता रहा है. लेकिन पानी की रेहड़ी लगाने वाले संतोष के जवाब में थोड़ी तल्खी थी. संतोष ने बताया कि नोटबंदी के बाद उसके व्यापार पर असर पड़ा है. लोगों के पास छुट्टे पैसे नहीं थे, तो पानी पीने से भी परहेज किया. आगे छोले कुल्चे की दुकान लगाने वाले सावन कुमार ने कहा कि धंधे में मंदी आई है, न सिर्फ ग्राहकों के स्तर पर बल्कि मार्केट से सामान लाने में भी दिक्कत उठानी पड़ी है.
छोले चावल वाले सुरेंद्र की शिकायत भी कुछ इसी तरह की थी. सुरेंद्र के मुताबिक नोटबंदी के बाद लोगों को परेशानी तो हुई है, लेकिन उनका धंधा खाने पीने की चीज़ों से जुड़ा है, जिसमें लोगों की मजबूरी है कि वो खाना खाने आएंगे ही, इसीलिए धंधे पर मंदी तो नहीं आई, लेकिन लोगों की शिकायतें ज़रूर सुनने को मिली. सुरेंद्र के मुताबिक कैश की कमी से लेकर छुट्टे तक की समस्या से उनको इस दौरान जूझना पड़ा. एक और खास बात ये रही कि इनमें से किसी दुकान पर कैशलेस की सुविधा मौजूद नहीं थी. एक दुकान पर ई-वॉलेट का पोस्टर जरूर चिपका मिला, लेकिन दुकान संचालक के मुताबिक वो इसका इस्तेमाल नहीं कर पाए और कैश भुगतान पर ही लौटना पड़ा.