
दिल्ली की बदतर आबोहवा की दुनिया भर में आलोचना हो रही है, लेकिन अब भी सरकारें कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं. दिल्ली में रहने वाले विदेशी राजनयिक भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका की राजदूत मरिला क्रूज अलवारेज की भी स्मॉग के कारण तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
दिल्ली की हवा में जहर घुलने से व्यथित होकर कोस्टा रिका की राजदूत ने ब्लॉग तक लिख डाला. इसमें उन्होंने जहां एक ओर भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समृद्धि की जमकर सराहना की, तो दूसरी ओर दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर दुख जताया. इस ब्लॉग में उन्होंने भारत के साथ अपने लंबे अनुभव को साझा किया. इतना ही नहीं, उन्होंने खुद को आधी कोस्ट रिकन और आधी भारतीय तक करार दे डाला.
उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है, जो उनको अद्भुत इतिहास को समेटे भारत भूमि में रहने का अवसर मिला. यहां उनको मानव स्थिति की वास्तविकता को करीब से देखने को मिला. भारत में रहकर उनको दुनिया को देखने और समझने का नजरिया मिला. अलवारेज ने कहा कि उनको यहां पर उनके जैसे लोग मिले. लिहाजा उन्होंने कोई रहस्य नहीं छिपाया और न ही कोई झूठ बोला.
कोस्टा रिका की राजदूत ने कहा कि पिछले हफ्ते से दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर जमकर चर्चा हो रही है. दिल्ली की बदतर आबोहवा लगातार समाचार की सुर्खियां बन रही है. डॉक्टरों का कहना है कि शहर को छोड़ देना चाहिए. लाखों लोग दिल्ली की जहरीली हुई हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जिसके चलते वे बीमार भी पड़ रहे हैं. इसमें वो भी शामिल हैं. अलवारेज ने कहा कि दिल्ली की जहरीली हवा के चलते उनकी भी तबियत बिगड़ी और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
उन्होंने कहा कि यह हाल दुनिया के सभी बड़े शहरों का है. इसके चलते लोग अपनी पूरी जिंदगी भी नहीं जी पाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी ने देखा कि दिल्ली में हम किस तरह जहर को सांस के साथ ले रहे हैं. उन्होंने इस बदतर आबोहवा के लिए सभी को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि कारखाने जहर उगल रहे हैं और पैसा कमाने के लिए पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं. ये कारखाने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी तक को भूल गए हैं.
उन्होंने कहा कि मुनाफे के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खेलवाड़ किया जा रहा है. साथ ही बेकार की जरूरतों की बात करके लोगों का ब्रेन वॉश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए बच्चों समेत किसी की केयर नहीं की जा रही है. राजदूत ने कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन विषय पर पढ़ाई किया. लिहाजा वह पर्यावरण के खतरे से पूरी तरह वाकिफ हैं.
उन्होंने कहा कि लोग मास्क लगाकर घूम रहे हैं, लेकिन इससे ज्यादा राहत मिलने वाली नहीं है. इस दौरान उन्होंने फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वालों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास इससे बचने का कोई उपाय ही नहीं होता.