
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दर्ज मानहानि की कोर्ट में चल रही है. इस मामले में अरविंद केजरीवाल की तरफ से देश के जानेमाने वकील राम जेठमलानी केस लड़ रहे हैं. सोमवार को सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी से अरुण जेटली से कुल 42 सवाल पूछे और कोर्ट में कई बार तीखी नोकझोक भी हुई. सवा दो घंटे चली सुनवाई में कई बार ऐसे मौके आए जब कोर्ट ने दोनों पक्षों को शांत करवाया.
जेठमलानी ने क्या कहा?
कोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से कहा कि क्या आपके आचरण को प्रमाणित करने के लिए पीएम मोदी को अदालत में बतौर गवाह बुलाया जाए क्योंकि उन्होंने ही आपको अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया है. वो ही आपके बारे में बेहतर बता सकते हैं. हालांकि कोर्ट ने जेठमलानी के इस सवाल को खारिज कर दिया.
सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने अरुण जेटली से फिरोजशाह में हुए निर्माण में पैसों के खर्च से जुड़े सवाल पूछे. सवाल-जवाब कुछ इस प्रकार से थे.
जेठमलानी: मानहानि केस मे अरुण जेटली ने कहा कि फ़िरोजशाह कोटला में स्टेडियम के निर्माण को लेकर एसोसिएशन ने सरकारी नियमों के मुताबिक ही कुछ बिज़नेस हाउस से डोनेशन लिया गया था. अंबानी ने भी 22 करोड़ के डोनेशन देने का प्रपोजल दिया था.
जेटली: इसका फ़ैसला मैंने एसोसिएशन पर छोड़ दिया था.
जेठमलानी: एमसीडी ने ये भी प्रपोजल दिया था कि अगर स्टेडियम का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी रख दिया जाए तो स्टेडियम का सारा ख़र्च वो उठाएंगे.
जेटली: ये सिर्फ एक प्रस्ताव था,जिसपर विचार ही नहीं किया गया था.
जेठमलानी: जब आपको पता चला कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर स्टेडियम का नाम रखने का प्रस्ताव है तो आपका इसपर क्या मत था?
जेटली: इसको लेकर कोई भी काग़जी कार्रवाई नही हुई इसलिए इस पर गंभीरता से कुछ विचार नहीं किया गया. सरकारी फंड्स जो किसी भी एसोसिएशन को दिए जाते है, उसमें बजट को पास करवाया जाता है लेकिन इस मामले मे ऐसा कुछ भी नही किया गया. सरकारी फंड्स इस तरह के प्रपोजल को नहीं दिया जाता है लेकिन डीडीसीए ने खुद के लिए फंड़ इकट्टा करने के लिए कई तरह की रणनीति बनाई क्योंकि फ़िरोजशाह कोटला का नाम बदला ही नही गया इसलिए ये मिनट्स ऑफ मीटिंग का हिस्सा भी नही है.
जेठमलानी: आपने फ़िरोजशाह स्टेडियम को सेल्फ फंड से विकसित किया क्योंकि आप इसमें सरकारी हस्तक्षेप नही चाहते थे.
जेटली: ये पूरी तरह गलत है. देश मे अक्सर सरकारी फंड प्राईवेट एसोसिएशन को नहीं दिये जाते है. फ़िरोजशाह स्टेडियम के निर्माण काम के लिए भी एक प्राइवेट कंपनी को बिडिंग के जरिए ये कॉन्ट्रैक्ट दिया गया.
जेठमलानी: फ़िरोजशाह कोटला में 57 करोड़ रुपया पॉलिटिकल लोगों ने बर्बाद किया. इस पर आपका क्या कहना है?
जेटली: ये आरोप गलत है. मेरी जानकारी और राय है कि जिस तरह के आरोप मुझ पर लगाए गए वो पूरी तरह गलत थे. मीडिया से जो जानकारी मुझे मिली उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि फ़िरोजशाह के स्टेडियम पर जो खर्च आया वो स्टेडियम के मॉडनाईजेशन के लिए जरूरी था. इसलिए 57 करोड़ रुपये के गलत इस्तेमाल का आरोप पूति तरह गलत है. जो भी खर्च हुआ उसके सत्यापन के लिए फ़िरोजशाह स्टेडियम मे हुए काम को देखा जा सकता है.
17 मई को इस मामले मे हाई कोर्ट दोबारा सुनवाई करेगी.