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हवाई हमले से निपटने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी

आने वाले सालों में पहले चरण की मिसाइलें तैनात कर दी जाएंगी. यह सिस्टम भारत पर हमला कर दागी गई किसी भी मिसाइल को हवा में ही मार गिराएगा. ये सिस्टम 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी से फायर की गई मिसाइल को भी नष्‍ट करने की ताकत रखता है.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
मोनिका गुप्ता/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

रक्षा मंत्रालय ने राजधानी दिल्ली के लिए मल्टी लेयर एयर डिफेंस सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व वाली खरीद मामलों की समिति ने 6500 करोड़ के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी है. इस प्रस्ताव का मकसद राजधानी दिल्ली को न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 को हुए हमले जैसे किसी भी आतंकी हमले से महफूज करना है.

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इस सिस्टम के तहत दिल्ली में पांच से छह जगहों पर मिसाइल नेटवर्क लगाया जाएगा. ये चौबीसों घंटे दिल्ली पर किसी भी हवाई हमले को नाकाम करने में मदद करेगा. संभावना है कि यह एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका से खरीदा जाएगा.

आने वाले सालों में पहले चरण की मिसाइलें तैनात कर दी जाएंगी. यह सिस्टम भारत पर हमला कर दागी गई किसी भी मिसाइल को हवा में ही मार गिराएगा. ये सिस्टम 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी से फायर की गई मिसाइल को भी नष्‍ट करने की ताकत रखता है. एयर डिफेंस सिस्टम चीन और पाकिस्‍तान सहित किसी भी देश के मिसाइल हमले से निपटने में कारगर साबित होगा.

भारत का बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम अमेरिका के पैट्रियाट एयर डिफेंस सिस्टम, इजराइल के एरो- 2 और रूस के जमीन से हवा में मार करने वाले एस-300 सिस्टम की टक्कर का है. बता दें कि 5000 किलोमीटर तक की रेंज वाली मिसाइल को जमीन से कुछ ज्यादा ऊंचाई पर मारने में भारत पहले ही कामयाबी हासिल कर चुका है.

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ये मिसाइल एक साथ कई निशानों पर वार कर सकती हैं और इन्हें ऐसे रडार सिस्टम से जोड़ा जा सकता है, जो सैन्य और नागरिक, दोनों तरह के संगठनों के द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं. 

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