
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में की गई बढ़ोतरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 नवंबर 2018 से फिर से लागू कर दिया है. सभी मजदूरों को बढ़ा हुआ वेतन मिले, इसके लिए दिल्ली सरकार ने 10 दिसंबर से ऑपरेशन मिनिमम वेज शुरू करने का फैसला किया है.
श्रम मंत्री गोपाल राय के मुताबिक श्रम विभाग के सभी 9 जिलों में 5-5 लोगों की 10 स्पेशल टीमें बनाई गई, जो अलग-अलग इलाकों में जाकर छापेमारी करेंगी. आप सरकार का दावा है कि दिल्ली में करीब 55 लाख लोग मिनिमम वेज पर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. मिनिमम वेज ऑपरेशन 10 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा. छापेमारी में श्रम मंत्री के साथ लेबर कमिश्नर, डिप्टी लेबर कमिश्नर, लेबर इंस्पेक्टरों की टीमें औचक निरीक्षण करेंगी.
दिसंबर में जिन मजदूरों को बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलेगी, उनकी शिकायत के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 155214 जारी किया है. इस पर शिकायत दर्ज करने पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा.
श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया कि अब न्यूनतम मजदूरी (संशोधन) अधिनियम लागू हो चुका है और बढ़ा हुआ मिनिमम वेज न देने वालों पर संशोधित अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होगा. छापेमारी के दौरान रिकॉर्ड देखे जाएंगे और उसके बाद नोटिस दिया जाएगा. नियमों के उल्लंघन पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा.
संशोधित अधिनियम के तहत होगा जुर्माना
संशोधित अधिनियम के तहत अब 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा और तीन साल तक की कैद भी हो सकती है. जबकि पहले जुर्माने की राशि केवल 500 रुपये थी और 6 महीने की सजा का ही प्रावधान था.
गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अब जितने भी मुकदमे दर्ज होंगे, वे सभी संशोधित एक्ट के तहत ही होंगे. सरकारी विभागों में जो ठेकेदार मिनिमम वेज नहीं देंगे, उन्हें ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा. हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के अलावा भी सरकार अलग-अलग जगहों पर औचक निरीक्षण करेगी.
राय ने बताया कि बहुत सारी शिकायतें आती हैं कि मजदूरों को 4 से 5 हजार रुपये दिए जाते हैं और अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर फिर एटीएम से वापस ले लिया जाता है, लेकिन अब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर मजदूर को बढ़ा मिनिमम वेज मिले और इसलिए ऑपरेशन मिनिमम वेज शुरू किया जा रहा है.
गोपाल राय के मुताबिक राय मिनिमम वेज बढ़कर 14 हजार हो गया है और इसमें भी गुजर-बसर करना बहुत मुश्किल है. सरकार की कमिटी ने नए मिनिमम वेज को लेकर भी अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है, जिस पर आम लोगों, ट्रेड यूनियन और संस्थानों की राय मांगी गई है. दिल्ली में सभी सरकारी, प्राइवेट संस्थानों में बढ़ा हुआ मिनिमम वेज देना होगा.
सभी को देना होगा बढ़ा हुआ वेतन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब दिल्ली सरकार के मार्च 2017 में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक मिनिमम वेज दिया जा सकेगा. दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी के साथ बढ़ा हुआ मिनिमम वेज लागू कर दिया है. एक नवंबर के दिल्ली में सभी सरकारी, प्राइवेट संस्थानों में बढ़ा हुआ मिनिमम वेज देना होगा.
अन स्किल कैटेगरी में अब हर महीने 14000 (538 रुपये रोजाना), सेमी स्किल कैटेगरी में 15400 (592 रुपये रोजाना) और स्किल कैटेगरी में 16962 रुपये (692 रुपये रोजाना) मिला करेगा. श्रम मंत्री ने बताया कि सरकार ने बढ़े मिनिमम वेज को लेकर जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है. 7 दिसंबर को डिप्टी लेबर कमिश्नर अलग-अलग संस्थाओं के मालिकों, ट्रेड यूनियन के साथ मीटिंग भी करेंगे. श्रम विभाग के अधिकारियों की टीमें बना दी गई हैं और अगर ज्यादा अधिकारियों की जरूरत होगी तो इस बारे में एलजी को लिखा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
नए मिनिमम वेज को लेकर रिपोर्ट 31 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी जाएगी. श्रम मंत्री गोपाल राय ने बताया कि नए मिनिमम वेज को तय करने के लिए बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. सरकार ने वेबसाइट पर प्रस्तावित मिनिमम वेज को लेकर दी गई रिपोर्ट को जारी किया है और 12 जनवरी तक इस पर लोगों की राय मांगी गई है.
समिति ने खाने और कपड़े को लेकर मार्केट प्राइस की स्टडी कर प्रस्तावित मिनिमम वेज रिपोर्ट तैयार की है. प्रस्तावित मिनिमम वेज को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. आम लोगों, बिजनेस हाउस समेत सभी से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई है. 12 जनवरी के बाद सभी सुझावों को मिनिमम वेज एडवाइजरी बोर्ड के सामने रखा जाएगा.
बोर्ड में 15 सदस्य मजदूर संगठनों के होंगे जबकि 15 सदस्य इंडस्ट्री से होंगे. 5 सदस्य अधिकारी होंगे. बोर्ड जो भी रिपोर्ट तैयार करेगा, उसे कैबिनेट में रखा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद नए मिनिमम वेज को लेकर रिपोर्ट को 31 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट को सबमिट कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर नए मिनिमम वेज को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.