
दिल्ली में दिवाली के बाद हवा जहरीली हो गई है. पटाखों पर लगे तमाम प्रतिबंधों के बाद भी पटाखा फोड़े गए जिसकी वजह से वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित सीमा से ज्यादा बढ़ गया. मंगलवार सुबह दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 392 रिकॉर्ड किया गया जो बेहद खराब स्तर पर है.
आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स जहां 432 तक पहुंच गया वहीं पंजाबी बाग में यह आंकड़ा 317 दर्ज किया गया. सत्यवती कॉलेज इलाके में AQI जहां 335 पर रहा वहीं श्रीनिवासपुरी इलाके में आंकड़ा 306 तक पहुंच गया.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दीवाली के बाद इस सीजन में पहली बार सोमवार को चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के अनुसार, सोमवार सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 10 पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) पर थी, जो 476 पर गंभीर श्रेणी में रही.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की छह श्रेणियां हैं - अच्छी, संतोषजनक, मध्यम प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर. इनमें से प्रत्येक श्रेणी वायु प्रदूषकों की मात्रा और उनके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के आधार पर तय की जाती है.
एसएएफएआर ने पूर्वानुमान जताया था कि 2017 और 2018 की औसत तुलना में 50 प्रतिशत पटाखों के जलने के साथ सोमवार सुबह हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर को छू लेगी, लेकिन पीएम 2.5 की चरम स्तर पर रहने के साथ संभवता पिछले 3 वर्षो की तुलना में सबसे कम रहा.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर टास्क फोर्स की पिछले सप्ताह एक बैठक आयोजित की गई थी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में आयोजित बैठक को विशेष रूप से अगले कुछ दिनों के दौरान संभावित वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाया गया था.