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विशेष सत्र बुलाने के विरोध में आज विधानसभा का घेराव करेगी दिल्ली BJP

विजेंद्र गुप्ता ने एक बयान जारी कर कहा है कि केजरीवाल सरकार अपनी निजी वजहों से नए सत्र का आगाज करने के बजाए एक ही सत्र को कई हिस्सों में विशेष सत्र के तौर पर बुला रही है, जो कि नियमों के विरुद्ध है.

दिल्ली विधानसभा दिल्ली विधानसभा
कपिल शर्मा/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 5:59 AM IST

दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. दिल्ली बीजेपी ने ऐलान किया है कि विशेष सत्र शुरू होने से पहले ही वो विधानसभा को घेरेगी और केजरीवाल से सवाल पूछेगी कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि उन्हें बार-बार विशेष सत्र बुलाना पड़ रहा है, जबकि सत्र के दौरान सिर्फ राजनीतिक आरोपों के अलावा कुछ नहीं होता. बीजेपी के कार्यकर्ता बुधवार को दोपहर 12 बजे विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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बीजेपी की दुविधा ये भी है कि इस बार विशेष सत्र के दौरान उसके दो विधायक सदन में मौजूद नहीं होंगे और इसमें विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता भी शामिल हैं क्योंकि गुप्ता अपनी निजी यात्रा पर भारत से बाहर हैं. ओपी शर्मा पहले ही दो सत्र के लिए सदन से बाहर हैं.

बीजेपी ने इस बात को लेकर भी केजरीवाल पर निशाना साधा है. विजेंद्र गुप्ता ने एक बयान जारी कर कहा है कि केजरीवाल सरकार अपनी निजी वजहों से नए सत्र का आगाज करने के बजाए एक ही सत्र को कई हिस्सों में विशेष सत्र के तौर पर बुला रही है, जो कि नियमों के विरुद्ध है. केजरीवाल सरकार जानबूझकर सिर्फ इसलिए नया सत्र नहीं बुलाती, ताकि दो सत्रों के लिए ओपी शर्मा का निलंबन बना रहे. ओपी शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष ने दो सत्रों के लिए विधानसभा की कार्रवाई से निलंबित किया था, लेकिन पिछले एक साल के दौरान सरकार ने नया सत्र ही नहीं बुलाया, बल्कि पहले सत्र को ही बार बार बढ़ाया जा रहा है.

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ओपी शर्मा के मुताबिक केजरीवाल उनसे निजी खुन्नस निकाल रहे हैं क्योंकि ये ना सिर्फ गैरसंवैधानिक है बल्कि एक चुने हुए प्रतिनिधि का अपमान है. वो विधानसभा से बाहर होने की वजह से जनता की बात सरकार तक नहीं पहुचा पा रहे हैं और न ही जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस में शामिल हो पा रहे हैं.

इधर बीजेपी के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने मांग की है कि विशेष सत्र में जाने से पहले केजरीवाल को अपने मंत्री सत्येंद्र जैन को बर्खास्त करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा के भीतर उठाएगा और सत्येंद्र जैन की बर्खास्तगी की मांग स्पीकर से की जाएगी.

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