
रेड लाइट तोड़कर एक कार बहुत दूर तक चली जाती है. ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बचकर वो शख्स ये सोचता है कि वो अब बच निकला, लेकिन अचानक ही सायरन बजाती और चमचमाती दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का बेड़ा बार-बार पब्लिक अनाउंसमेट सिस्टम से उसे रुकने के लिए कहता है और आगे ओवरटेक करके उसे घेर लेता है. किसी फिल्मी सीन की मानिंद नज़र आने वाली ये तस्वीर अगले 6 से 8 महीनों के दौरान सच होने वाली है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर गरिमा भटनागर ने पुष्टि की है कि 500 से ज्यादा मोटरसाइकिल शामिल होंगी जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस होंगी. इसमें डिजिटल कैमरा, बॉडी वॉर्न कैमरा, ई चलान मशीन के साथ ही पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी होगा. 175 से 200 इंजन क्षमता वाली इन मोटरबाइक्स का टेंडर होने को है.
दिल्ली पुलिस का प्रॉविजनल एंड लाजिस्टिंक डिपार्टमेंट लगातार नज़र रख रहा है. कुल 934 मोटरबाइक 786 एडमिनिस्ट्रेटिव काम में लगी हैं. करीब 148 बाइक्स खराब पड़ चुकी हैं. ऐसा पहली बार होगा जब इतनी बड़ी संख्या में मोटरबाइक्स शामिल की जाएंगी. चालान न भुगतने वाले को पकड़ना हो या फिर नाइट पेट्रोल, सब कुछ ये बाइक्स ही करेंगी.
सबसे खास बात यह है कि अभी तक किसी भी ट्रैफिक सर्कल का ट्रैफिक इंस्पेक्टर जिप्सी से लेस होता था. दूसरे ट्रैफिक इंस्पेक्टर तक पहुचने के लिए वायरलेस का इस्तेमाल करता था, लेकिन अब इन मोटरबाइक्स में जीपीएस इनबिल्ड रहेगा. बाइक में लगी ई मशीन से चालान होगा.
ट्रैफिक पुलिसकर्मी बॉडी वॉर्न कैमरे से भी लैस होगा. रात के वक्त इसमें छोटी टॉर्च भी लगी होगी. इन मोबाइल ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की बीट निर्धारित की जाएगी. पूरी दिल्ली को 53 ट्रैफिक सर्कल में बांटा गया है. अभी एक सर्कल में करीब 1 मोटरसाइकल होती है, नई बाइकों के बेड़े में आने के बाद इनकी संख्या 1 से बढ़कर 10 हो जाएगी.
सबसे बड़ी बात ऐसा पहली बार होगा जब सभी मोटरबाइक्स एक जाल की तरह जुड़ जाएंगी. नॉर्थ-ईस्ट औपर ईस्ट दिल्ली जैसे इलाकों में इनसे पेट्रोलिंग आसान हो जाएगी.