
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' को मंजूरी दे दी है. इससे पहले इस योजना को लेकर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार को हिदायत दी थी और दोबारा विचार करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल द्वारा लगाई गई आपत्तियों को दरकिनार करते हुए योजना को हरी झंडी दे दी.
इस योजना का लाभ दिल्ली में रहने वाले 60 साल से ज्यादा की उम्र के नागरिक उठा सकेंगे. इसके तहत दिल्ली सरकार हर साल 77 हजार वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराएगी. दिल्ली सरकार ने इस तीर्थ यात्रा योजना के लिए पांच रूट तय किए थे, जिनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी-जम्मू शामिल हैं.
तीर्थ यात्रियों को तीन दिन और दो रात की यात्रा पर इन तय धार्मिक स्थानों पर भेजा जाएगा. दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली कैबिनेट ने इस स्कीम को आठ जनवरी 2018 को ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन उप राज्यपाल की तरफ से इस पर कुछ ऑब्जेशन लगा दिए गए थे. इस वजह से इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका था. मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत हर विधानसभा से हर साल 1100 यात्रियों को विभिन्न तीर्थों की यात्रा कराई जाएगी.
इस योजना के लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखी हैं, जिसके मुताबिक यात्रा पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को दिल्ली का निवासी होना चाहिए. उसकी उम्र 60 साल से ज्यादा होनी चाहिए. यात्रा पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिक अपने साथ 18 साल से अधिक उम्र का एक सहयोगी भी ले जा सकेंगे, जिसका भी पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
हालांकि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. अनियमितताओं से बचने के लिए सरकार ने एक और प्रावधान किया है, जिसके तहत इस योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को सेल्फ सर्टिफिकेशन से बताना होगा कि उसने सभी सही सूचनाएं दी हैं और उसने पहले इस योजना का लाभ नहीं उठाया है.
तीर्थयात्रा पर जाने वाले नागरिकों को दिल्ली सरकार एक लाख का बीमा भी देगी. यात्रा पर आने-जाने से लेकर रहने खाने की व्यवस्था सरकार करेगी. यात्रा पर जाने वाले नागरिकों का चयन सरकार ऑनलाइन आवेदनों के जरिए करेगी, जो डिविजनल कमिश्नर के दफ्तर या इलाके के विधायक के दफ्तर से मिलेंगे. लॉटरी के जरिए हर साल दिल्ली से 77 हजार वरिष्ठ नागरिकों का चयन किया जाएगा और विधायकों को प्रमाणित करना होगा कि संबंधित वरिष्ठ नागरिक उनके क्षेत्र से हैं.
केजरीवाल द्वारा तीर्थयात्रा कि इस योजना को साल 2019 के आम चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि केजरीवाल इस योजना के जरिए हिंदू वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की तैयारी कर रहे हैं.
इन 10 प्वाइंट में समझिए पूरी योजना
1. दिल्ली का नागरिक होना चाहिए.
2. आयु 60 साल से अधिक होनी चाहिए.
3. योजना के लिए चयनित वरिष्ठ नागरिक अपने साथ 18 साल से अधिक उम्र का एक सहयोगी भी साथ ले जा सकेंगे, जिसका भी पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
4. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
5. इस योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को सेल्फ सर्टिफिकेशन से बताना होगा कि उसने सभी सही सूचनाएं दी हैं और उसने पहले इस योजना का लाभ नहीं उठाया है.
6. तीर्थयात्रा के चयनित व्यक्तियों का एक लाख रुपये का बीमा होगा.
7. एसी बसों से तीर्थयात्रा कराई जाएगी. खाने-नाश्ते की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की जाएगी.
8. सभी आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाएंगे. आवेदन पत्र डिविजनल कमिश्नर ऑफिस, संबंधित विधायक के ऑफिस या तीर्थयात्रा कमेटी के ऑफिस से भरे जाएंगे.
9. लॉटरी ड्रॉ से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा.
10. संबंधित विधायक सर्टीफाई करेंगे कि व्यक्ति दिल्ली का नागरिक है.