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हर साल 77000 लोगों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराएगी केजरीवाल सरकार

एक बार यात्रा पर गए नागरिकों को अगले 3 से 5 साल तक दोबारा इस मुफ्त यात्रा योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा.

दिल्ली कैबिनेट में लिया गया फैसला दिल्ली कैबिनेट में लिया गया फैसला
जावेद अख़्तर/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:33 AM IST

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस योजना के तहत दिल्ली सरकार हर साल राजधानी के 77 हजार लोगों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराएगी.

कैबिनेट की मंजूरी के बाद मसौदे को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद यह योजना अमल में लाई जाएगी.

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हर विधानसभा से 1100 लोगों का चयन

इस योजना के तहत केजरीवाल सरकार दिल्ली की हर विधानसभा से हर साल 1100 वरिष्ठ नागरिकों का चयन कर उन्हें उत्तर भारत के अलग अलग तीर्थ स्थलों पर मुफ्त यात्रा की सुविधा देगी. मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए सरकार ने 2 रात और 3 दिन का पैकेज तैयार किया है और इस योजना के लिए 5 रूट का चयन किया है.

इन धार्मिक स्थलों की यात्रा

केजरीवाल सरकार के मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश, वैष्णो देवी, पुष्कर, अजमेर, आनंदपुर साहिब, स्वर्ण मंदिर और वृंदावन जैसे तीर्थस्थलों को चुना है. तीर्थ यात्रा का लाभ सिर्फ दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है.

तीर्थ यात्रा पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को अपने साथ किसी एक सहायक या परिवार के एक सदस्य को ले जाने की अनुमति होगी जिसका खर्चा सरकार वहन करेगी. इस यात्रा के लिए सभी तीर्थ यात्रियों को सरकार AC बस मुहैया कराएगी. इन तमाम तीर्थ यात्रियों का चयन इलाके के विधायक करेंगे.

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ये है शर्त

हर साल लगभग 77000 वरिष्ठ नागरिकों को इस मुफ्त तीर्थ यात्रा योजना का फायदा मिलेगा जिसके लिए सरकार ने सालाना 53 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है. एक बार यात्रा पर गए नागरिकों को अगले 3 से 5 साल तक दोबारा इस मुफ्त यात्रा योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा.

केजरीवाल सरकार की इस तीर्थयात्रा योजना को आम आदमी पार्टी का हिंदू वोट खींचने की एक राजनीतिक पहल के तौर पर देखा जा रहा है.

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