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AAP से मुकाबले के लिए शीला दीक्षित और अजय माकन ने मिलाया हाथ!

मंगलवार को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मुलाकात की. माकन ने बताया, ''मैं शीला दीक्षित के घर गया और उनसे दिल्ली कांग्रेस में एक्टिव होकर दिशा निर्देश देने की अपील की.

अजय माकन अजय माकन
राम कृष्ण/मणिदीप शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:26 AM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस पार्टी ने एकजुट होने की ठान ली है. प्रदेश कांग्रेस के तमाम नेताओं ने एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल से अपनी सियासी ज़मीन वापिस लेने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है.

इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मुलाकात की. माकन ने बताया, ''मैं शीला दीक्षित के घर गया और उनसे दिल्ली कांग्रेस में एक्टिव होकर दिशा निर्देश देने की अपील की.

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माकन के मुताबिक शीला दीक्षित ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है. अजय माकन ने कहा कि वह खुद दिल्ली कांग्रेस के तमाम नेताओं के पास जा रहे हैं और अब पार्टी को एकजुट करके केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे.

14 फरवरी को एकमंच पर होंगे माकन-शीला

14 फरवरी को शीला दीक्षित और अजय माकन एकमंच पर साथ नजर आएंगे. इस दौरान दोनों एकजुट होकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे और केजरीवाल सरकार के तमाम कामकाज की कमियों के बारे में जनता को बताएंगे. माकन ने कहा कि शीला दीक्षित ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब वो एक्टिव होकर दिल्ली कांग्रेस के तमाम मंचों पर दिखाई देंगी.

अजय माकन ने कहा कि शीला दीक्षित जब  मुख्यमंत्री थीं, तब दिल्ली में सबसे ज्यादा काम हुए और दिल्ली की जनता अब भी उनके काम को याद करती है. लिहाजा इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस ने आठ फरवरी से 14 फरवरी तक केजरीवाल सरकार के कामकाज पर रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तमाम मंत्रालयों की पोल खोलने की ठानी है. अजय माकन के मुताबिक रोज़ पूर्व मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और केजरीवाल सरकार के हर मंत्रालय की विफलता को जनता के सामने रखेंगे.

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इसके बाद 14 फरवरी को आम आदमी पार्टी के खिलाफ शीला दीक्षित और अजय माकन संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. माकन ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के पास सबसे अनुभवी नेता हैं और अब हम सभी ने पुरानी बातें भुलाकर एकजुट होने की ठानी है, ताकि दिल्ली की जनता को वापस कांग्रेस जैसा काम करने वाली पार्टी मिल सके और केजरीवाल से दिल्ली को निजात मिल सके.

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