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ट्विटर पर छलका सिसोदिया का दर्द, ‘उपराज्यपाल मिलने का समय नहीं दे रहे’

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर अपना दर्द जाहिर करते हुए लिखा कि उपराज्यपाल उन्हें और उनके मंत्रियों को मिलने तक का समय नहीं दे रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने लिखा, " उप राज्यपाल महोदय मैं शुक्रवार से ही आपके दफ्तर से मुलाकात करने के लिए समय मांग रहा हूं.

मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया
आशुतोष मिश्रा/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:15 AM IST

दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल निवास के बीच कड़वाहट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मुख्यमंत्री केजरीवाल के सभी मंत्री उपराज्यपाल अनिल बैजल पर लगातार उनकी सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाने और सरकार को पंगु करने का आरोप लगाते रहे हैं. उपराज्यपाल पर सरकार के कामकाज की दखलंदाजी का मामला दिल्ली विधानसभा तक भी पहुंच गया है.

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दिल्ली को पूर्ण राज्य दर्ज का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र में भी उपराज्यपाल अनिल बैजल पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने आरोप लगाया कि उनके इशारे पर दिल्ली सरकार के नौकरशाह विधानसभा में विधायकों द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं. आरोप है कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह विजिलेंस से जुड़े मसलों पर विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब ना दें क्योंकि यह मामला सीधे-सीधे उपराज्यपाल के अंतर्गत आता है.

वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी विधानसभा के पटल पर यह कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग में रिक्त जगहों और उससे जुड़ी हुई जानकारियां विधानसभा में भी सवाल पूछने के बावजूद मुहैया नहीं करा रहे हैं क्योंकि सेवा विभाग दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद उपराज्यपाल के अधीन है और उपराज्यपाल के कहने पर अधिकारी चुनी हुई सरकार के मंत्रियों को जवाब ही नहीं दे रहे. विधानसभा के पहले दिन यह मामला भी उठा कि कैसे सरकार के कई बोर्ड द्वारा मीटिंग बुलाए जाने के बावजूद भी अधिकारी ना तो मीटिंग में आते हैं ना ही आदेशों पर अमल करते हैं.

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विधानसभा के पहले दिन स्पीकर ने विधायकों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सदन के अंदर यह बयान दिया कि स्थिति आपातकाल जैसी हो गई है.

इतना ही नहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्विटर पर अपना दर्द जाहिर करते हुए लिखा कि उपराज्यपाल उन्हें और उनके मंत्रियों को मिलने तक का समय नहीं दे रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने लिखा, " उप राज्यपाल महोदय मैं शुक्रवार से ही आपके दफ्तर से मुलाकात करने के लिए समय मांग रहा हूं. मेरे साथ मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन सरकार से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपसे चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन आपने समय नहीं दिया."

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि आज भी जब मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच साप्ताहिक मुलाकात के दौरान मुलाकात करने के लिए उन्होंने वक्त मांगा तब भी उपराज्यपाल अनिल बैजल ने निवेदन को खारिज कर दिया.

 सिसोदिया ने एक बार फिर उपराज्यपाल अनिल बैजल से गुहार लगाई कि उनके साथ मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन जनता से जुड़े मसलों को लेकर उनसे मिलना चाहते हैं और जब भी उनके पास समय हो तो जनहित में उन्हें मिलने का समय दें.

दरअसल दिल्ली में केजरीवाल के दोबारा सत्ता में आने के कुछ महीनों के भीतर ही केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके मई 2015 में केजरीवाल सरकार से एंटी करप्शन ब्यूरो के साथ-साथ सर्विसेज विभाग भी छीन लिया था. दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार द्वारा चुनौती दिए जाने के बावजूद हाई कोर्ट ने भी दिल्ली में उप-राज्यपाल को सबसे बड़ी अथॉरिटी घोषित किया था, जिसके बाद से लगातार सर्विसेस विभाग पर उपराज्यपाल का ही नियंत्रण है. इसमें अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई तक का अधिकार शामिल है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि सर्विसेस विभाग उनसे लिए जाने के बाद से ही अधिकारियों पर उपराज्यपाल सीधे-सीधे दबाव बनाते हैं और दिल्ली सरकार के अधिकारी चुने हुए मंत्रियों का आदेश नहीं मानते.

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