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दिल्ली सरकार राजधानी में चलने वाले ऑटो रिक्शाओं ओर काली-पीली टैक्सियों के किरायों में बदलाव कर सकती है. किराया तय करने वाली दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारियों की चार सदस्यीय समिति जल्द सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
अंतिम फैसला करेंगे केजरीवाल
इससे पहले मई 2013 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने किरायों में बदलाव किया था. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘चार सदस्यीय समिति अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. हालांकि किराया बढ़ाया जाना है या नहीं, इस बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे.’ दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय फिलहाल फिजियोथरेपी उपचार के लिए चेन्नई में हैं. वह एक सर्जरी के बाद फिजियोथरेपी कराने गये हैं. समिति राय की दिल्ली वापसी के बाद उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी.
फिलहाल ये है किराया
फिलहाल ऑटोरिक्शा का पहले दो किलोमीटर का किराया 25 रुपये और उसके बाद प्रति किलोमीटर किराया आठ रुपये निर्धारित है. वहीं काली-पीली टैक्सियों में यात्रा के लिए पहले एक किलोमीटर का किराया 25 रुपये और फिर एसी टैक्सियों में प्रति किलोमीटर किराया 16 रुपये वहीं बिना एसी वाली टैक्सियों में किराया 14 रुपये प्रति किलोमीटर होता है.
दिल्ली में चलते हैं 80 हजार ऑटो
दिल्ली की सड़कों पर फिलहाल करीब 80,000 ऑटो रिक्शा और 12,000 काली-पीली टैक्सियां हैं. दिल्ली ऑटोरिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि मई 2013 के बाद से सीएनजी, वाहन के स्पेयर पार्ट्स, बीमा और श्रम लागत के दाम बढ़े हैं. उन्होंने कहा, ‘हम लंबे समय से ऑटो रिक्शा और काली-पीली टैक्सियों के किराये में बदलाव की मांग कर रहे हैं. अगर सरकार किराया नहीं बढ़ाना चाहती तो उसे हमें सीएनजी पर प्रति किलोग्राम छह रुपये की सब्सिडी देनी चाहिए.’