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10 हजार ऑटो रिक्शा को 31 मार्च तक चलाने की इजाजत दे दिल्ली सरकार: HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी की सड़कों पर ऑटो रिक्शा की संख्या बढ़ाने के लिए 10 हजार नए ऑटो को परमिट देने की प्रक्रिया 31 मार्च 2017 तक पूरी करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट
पूनम शर्मा/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को राजधानी की सड़कों पर ऑटो रिक्शा की संख्या बढ़ाने के लिए 10 हजार नए ऑटो को परमिट देने की प्रक्रिया 31 मार्च 2017 तक पूरी करने का निर्देश दिया है. ऑटो चालकों के लिए हाई कोर्ट का ये निर्देश राहत भरा है. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि 31 मार्च 2017 तक आवंटन की प्रक्रिया पूरी करके आवंटियों को परमिशन दे दी जाए. पिछली सुनवाई पर सरकार ने कोर्ट से आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत मांगी थी.

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शिकायतों के बाद रद्द किए गए थे परमिट
हाई कोर्ट 324 ऑटो परमिट को रद्द करने के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली ऑटो चालकों की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सरकार ने परमिट आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद ये परमिट रद्द किए थे. इससे पहले हाई कोर्ट ने इन 324 ऑटो चालकों को संरक्षण प्रदान करने पर सहमति जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार से लाइसेंस मिलने के बाद ही इन लोगों ने लोन लेकर ऑटो खरीदा था, ऐसे में सरकार को इनकी वित्तीय परेशानी को हल करना चाहिए.

वैध बैज ना होने पर नहीं ले सकेंगे लाइसेंस प्रक्रिया में भाग
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन 324 ऑटो चालकों को भी इस प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत दे दी थी, जिन्होंने परिवहन विभाग की ओर से 2015 में आवंटन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाइसेंस मिलने पर ऑटो खरीदा था. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और ऑटो चालकों के बीच इस बात पर भी सहमति बन गई है कि सरकार दो हफ्ते के भीतर नए सिरे से दस हजार तीन सीटों वाले ऑटो रिक्शा के लाइसेंस के लिए प्रक्रिया आरंभ करेगी. जिसके पास वैध बैज नहीं होगा वे इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते.

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22 फरवरी 2017 को अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी 2017 को होगी. 2014-2015 में ऑटो परमिट देने में अनियमिता बरतने का मामला सामने आया था. सीबीआई इस केस की जांच कर रही है. कोर्ट ने सीबीआई और दिल्ली सरकार से इस केस की स्टेटस रिपोर्ट भी अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया है.

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