
दिल्ली के सरकारी और नगर निगम के स्कूलों में कूड़े-करकट और गंदगी पर हाई कोर्ट ने बुधवार को कड़ा रूख अपनाया है. हाई कोर्ट ने तीनों नगर निगम को सख्त आदेश दिया है कि इन स्कूलों से रोजाना कूड़ा उठाया जाए.
दिल्ली हाई कोर्ट का ये आदेश आज गैर सरकारी संगठन जस्टिस फॉर आल की ओर से दाखिल की गई एक याचिका पर आया है. याचिका में कहा गया था कि कूड़े को इन सरकारी स्कूलों से नगर निगम नहीं उठा रहा है. जिससे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है.
याचिका में सरकारी और नगर निगमों और नई दिल्ली पालिका परिषद के स्कूलों साफ-सफाई कराने की मांग की गई है. हाइकोर्ट ने इस मामले में तीनों नगर निगम और पालिका परिषद से कहा है कि सभी स्कूलों से रोजाना कूड़ा उठाया जाए. साथ ही हाइकोर्ट ने इस बात की हिदायत दी है कि कूड़ा नहीं उठाने पर अधिकारियों को जेल भेज दिया जाएगा.
हाई कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को अगली सुनवाई तक अपनी अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों में गंदगी लगातार बढ़ रही है और कई बार लिखने के बाद भी नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है.
हाई कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए नगर निगम और पालिका परिषद को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही को आगे कोर्ट नहीं बर्दाश्त करेगी. बच्चों के स्कूलों से हर रोज कूड़े को हटाने के आदेश को आज ही से अमल में लाया जाए. मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.