
साउथ दिल्ली नगर निगम द्वारा नए प्रोफेशनल टैक्स लागू करने और कई पुराने टैक्स बढ़ाए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी ने BJP के खिलाफ नारेबाजी की. आप विधायकों और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी दफ्तर तक पैदल मार्च निकाला और MCD द्वारा टैक्स की बढ़त के फैसले को वापस लेने की मांग उठाई.
दिल्ली में आप के MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि कोरोना काल में आर्थिक नुकसान झेल रहे दिल्ली वालों पर बीजेपी शासित नगर निगम ने टैक्स बढ़ाकर बोझ डाल दिया है. दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी तुरंत बढ़े हुए टैक्स का फैसला वापस ले.
आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस सोशल डिस्टेंसिंग की अपील भी करती नजर आई. हालांकि कोरोना काल में आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह नजरअंदाज किया.
आप नेता दुर्गेश पाठक से जब सवाल पूछा गया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन क्यों नही किया जा रहा है. जवाब में दुर्गेश पाठक ने कहा, 'हम मजबूर हैं, हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. ऐसे समय में अगर हम विरोध नही करेंगे तो बीजेपी तानाशाह हो जाएगी इसलिए जान हथेली पर रखकर प्रदर्शन करने आए हैं और सभी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निवेदन भी कर रहे हैं.'
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आपको बता दें कि साउथ दिल्ली नगर निगम ने 27 जुलाई को प्रोपर्टी ट्रांसफर ड्यूटी (टैक्स) बढ़ाने के फैसले को मंजूर दी थी. साथ ही, बीजेपी शासित साउथ दिल्ली नगर निगम ने, एक नया 'प्रोफेशनल टैक्स' भी लागू कर दिया था.
1. प्रोफेशनल टैक्स
साउथ दिल्ली में डॉक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत तमाम प्रोफेशनल्स को एक नए प्रकार का 'प्रोफेशनल टैक्स' देना होगा. पास हुए प्रस्ताव के मुताबिक, जिन प्रोफेशनल्स की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से 9 लाख रुपए तक होगी, उन्हें हर साल 1200 रुपए टैक्स देना होगा. और जिन प्रोफेशनल्स की वार्षिक आय 9 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक होगी, उन्हें हर साल 1800 रुपए टैक्स देना होगा. वहीं 12 लाख या उससे अधिक वार्षिक आय वाले प्रोफेशनल्स को सालाना 2400 रुपए प्रोफेशनल टैक्स देना होगा.
2. प्रोपर्टी ट्रांसफर ड्यूटी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर लगने वाली ड्यूटी को 1% तक बढ़ाया गया है. अबतक प्रोपर्टी अगर महिला के नाम पर ट्रांसफर होती थी तो प्रोपर्टी की कीमत का 2% ड्यूटी देना होता था, जिसे बढ़ाकर 3% कर दिया गया है. जबकि अगर पुरुष के नाम पर ट्रांसफर होने वाली प्रोपर्टी पर अब 4% तक ड्यूटी देनी होगी, जो पहले 3% थी.
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3. हाउस टैक्स
अनाधिकृत कालोनियों में नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स वसूला जाएगा. नगर निगम के सीनियर अधिकारी ने 'आजतक' को बताया था कि कच्ची कॉलोनियों से हमेशा से हाउस टैक्स लिया जा रहा था. एक्ट के मुताबिक, कॉलोनी कच्ची हो या पक्की, हाउस टैक्स देना पड़ता है. लेकिन अबतक कच्ची कॉलोनियों से सिर्फ 8 से 10% लोग ही हाउस टैक्स दे रहे थे. इसी वजह से 2004 में जब से नया टैक्स सिस्टम लागू हुआ था, तब से 2018 तक का हाउस टैक्स माफ कर दिया गया है लेकिन इसके लिए 2019 और 2020 का सालाना हाउस टैक्स जमा करना अनिवार्य होगा.
सीनियर अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के तौर पर कच्ची कॉलोनियों में 100 मीटर के हिस्से में बने किसी भी रिहायशी मकान के लिए सालाना 1000 से 1200 रुपए तक का हाउस टैक्स देना होता है. नगर निगम का अनुमान है बकाया टैक्स की वसूली होने पर कच्ची कॉलोनियों से 150 से 200 करोड़ रुपए जमा हो सकते हैं.
हालांकि, आम आदमी पार्टी के साउथ दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने आरोप लगाया है कि पुराना बकाया टैक्स माफ करने के नाम पर अनाधिकृत कॉलोनियों से नगर निगम नया टैक्स ले रहा है. प्रेम चौहान ने कहा, 'साउथ दिल्ली में 927 अनाधिकृत कॉलोनियों हैं, इन कॉलोनियों में नगर निगम बेसिक सुविधा और विकास के लिए कोई फंड इस्तेमाल नही करता है. फिर भाजपा शासित नगर निगम अनाधिकृत कॉलोनियों से टैक्स क्यों लेना चाहता है? आम आदमी पार्टी की मांग है कि निगम द्वारा कच्ची कॉलोनियों में मूलभूत व्यवस्थाएं दी जाएं.'