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एमसीडी चुनाव में तीनों निगमों में बहुमत हासिल करने के बावजूद बीजेपी अब तक समितियों के गठन से बचती आ रही थी, लेकिन अब चारों तरफ से दबाव बढ़ने के साथ ही निगमों ने अलग अलग समितियों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी है.
आपको बता दें कि बीते 2 महीने से एमसीडी में विशेष और एडहॉक समितियों का गठन नहीं हुआ था. बीजेपी इसके लिए लगातार दिल्ली सरकार पर आरोप लगा रही थी. बीजेपी के पास इस बात का बहाना था कि सरकार जोन नोटिफिकेशन को मंज़ूरी नहीं दे रही थी, लेकिन ये सबको पता है कि विशेष और एडहॉक समितियों के चुनाव एमसीडी खुद ही करती है और इसके लिए उसे दिल्ली सरकार का मुंह नही ताकना होता है, लेकिन इसके बावजूद चुनाव नहीं कराए जा रहे थे.
हालांकि अब नॉर्थ और साउथ एमसीडी ने इन समितियों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. साउथ एमसीडी में जहां 26 जुलाई को चुनाव होगा, तो वहीं नॉर्थ एमसीडी में 27 जुलाई को चुनाव होना तय हुआ है. इसके लिए 22 जुलाई को नामांकन की आखिरी तारीख है.
साउथ एमसीडी में तो शुक्रवार को चुनाव की घोषणा होते ही कुछ पार्षदों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया. इन समितियों में अपाइनमेंट और प्रमोशन कमेटी, वर्क्स कमेटी, पब्लिक हेल्थ कमेटी, इनवॉयरमेंट मैनेजमेंट सर्विस कमेटी, हाई पावर प्रॉपर्टी टैक्स कमेटी समेत कुल 11 विशेष समितियां हैं, तो वहीं लाइसेंसिंग और तहबाज़ारी कमेटी, कम्युनिटी सर्विस कमेटी, एंटी मलेरिया मेज़र्स कमेटी समेत 9 एडहॉक समितियां शामिल हैं.
आपको बता दें कि ये सभी बेहद अहम समितियां है, जिनकी मंज़ूरी के बिना एमसीडी ना तो काई खर्चा कर सकती है और ना ही किसी काम का आवंटन किया जा सकता है. ऐसा पहली बार हुआ है कि चुनाव के बाद ढाई महीने तक इन समितियों का गठन नहीं हुआ हो. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि दोनों की आपसी तकरार के कारण ही समितियों का गठन नहीं हो पा रहा था. कांग्रेस ने इस पूरे मसले पर उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात भी की थी और आंदोलन की चेतावनी दी थी.