
दिल्ली में बरसात के मौसम में डेंगू के डंक का खतरा बढ़ता जा रहा है. दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के खतरे को देखते हुए 3 महीने के लिए 15 से 20 फीसदी बिस्तरों की सख्या बढ़ा दिया गया है. साथ ही हर सरकारी अस्पताल में फीवर क्लीनिक्स को 55 से 355 करने का टारगेट हैं. सरकार का ये भी दावा है कि मोहल्ला क्लीनिक्स को भी अपग्रेड करेंगे ताकि डेंगू के तेज बुखार को मोहल्ला क्लीनिक्स में ही टेस्ट किया जा सके. इन सब दावों की पड़ताल के लिए जब 'आज तक' की टीम कुछ मोहल्ला क्लीनिक्स में पहुंची तो तस्वीर बिल्कुल उलट नजर आई.
मोहल्ला क्लीनिक में सुवधाएं कम
लोगो के मुताबिक मोहल्ला क्लीनिक्स में डॉक्टर कोई टेस्ट नहीं करते और तो और क्लिनिक में सिर्फ क्रोसिन और पारासिटामोल ही उपलब्ध होती हैं बाकी किसी भी तरह के बुखार के लिए बिना जांच के डॉक्टर सीधे दूसरे अस्पताल में रेफर कर देते हैं. जबकि इन मोहल्ला क्लीनिक्स के इलाकों के विधायक मनोज कुमार से बात की तो उनका कहना था कि क्लीनिक्स में 80 तरह की दवाइयां और 22 तरह के टेस्ट मौजूद हैं.
डेंगू से निपटने के लिए अस्पताल में कोई तैयारी नहीं
सरकार के दावों की पड़ताल करने टीम कल्याण वास पॉलीक्लीनिक भी पहुंची. पॉलीक्लीनिक में सर्दी, खांसी, बुखार या सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इलाज मिल रहा था. लेकिन डेंगू के डंक से बचाने के इंतजाम नहीं नजर आए. पॉलीक्लीनिक के डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से उन्हें डेंगू के संबंध में कोई विशेष दिशा निर्देश नहीं मिले हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अभी सिर्फ सामान्य या वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं, जिनके सैंपल कलेक्ट करने की सुविधा पॉलीक्लीनिक में हैं. लेकिन सैंपल को एक्जामिन के लिए अस्पताल भेजा जाता है, क्योंकि ना तो पॉलीक्लीनिक में प्लेटलेट काउंट की व्यवस्था है ना ही एलिजा टेस्ट की.