
नॉर्थ एमसीडी ने शुक्रवार को उसके अंतर्गत आने वाले इलाकों में लगी स्ट्रीट लाइट्स, पार्क लाइट्स और हाईमास्ट लाइटों को बदल कर एलईडी लाइट लगाने का ऐलान कर दिया है. इसकी शुरुआत नरेला और रोहिणी ज़ोन से होगी और अगले 9 महीने में उत्तरी दिल्ली के सभी स्ट्रीट लाइटों को बदल दिया जाएगा.
एमसीडी के मुताबिक इस परियोजना में लगभग 2 लाख 5 हज़ार स्ट्रीट लाइटों को बदल कर एलईडी में बदला जाएगा. पहले चरण में नरेला और रोहिणी ज़ोन में लगभग 1 लाख 15 हज़ार स्ट्रीट लाइटें, तो दूसरे चरण में सिविल लाइंस, सदर पहाड़गंज, करोल बाग और सिटी ज़ोन में लगभग 90 हज़ार स्ट्रीट लाइटों को बदला जाएगा.
कमिश्नर पीके गुप्ता के मुताबिक, परियोजना शुरू होने के बाद हर हफ्ते लगभग 20 हज़ार एलईडी लाइटें लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि एलईडी लाइटें हाई कैपिसिटी की होंगी, जिनकी उम्र लगभग 7 साल होगी.
कमिश्नर ने बताया कि नई स्ट्रीट लाइटें सुचारू रूप से काम करें, उसके लिए हर ज़ोन में एक सेंट्र्ल कंट्रोल मॉनिटिरिंग सिस्टम बनाया जाएगा, जिससे लाइट में कोई खराबी आते ही निगम को उसकी जानकारी मिल जाएगी और उसे वक्त पर दुरुस्त किया जा सकेगा.
वहीं मेयर प्रीति अग्रवाल के मुताबिक, नई एलईडी लाइटों के लग जाने से हर साल नॉर्थ एमसीडी की 9 करोड़ उर्जा युनिटों की बचत होगी. मेयर के मुताबिक नई एलईडी लाइटों से सड़कों, पार्कों पर उचित मात्रा में प्रकाश की व्यवस्था तो होगी ही, वहीं कार्बन फुटप्रिंट को कम करने मे मदद मिलेगी.
एमसीडी को होगी 350 करोड़ की बचत
नॉर्थ एमसीडी के मुताबिक, अभी स्ट्रीट लाइट की मेंटनेंस के लिए एमसीडी हर साल 50 करोड़ रुपये डिस्कॉम को देती है लेकिन नई एलईडी लाइट लग जाने के बाद इस राशि की बचत होगी, यानि हर साल 50 करोड़ रुपये के हिसाब से अगले 7 सालों में नॉर्थ एमसीडी को इससे 350 करोड़ रुपये की बचत होगी, जो कि आर्थिक बदहाली झेल रही नॉर्थ एमसीडी के लिए काफी मददगार होगी.