
दिल्ली की सड़कें पानी में डूबी, तो जलभराव पर सियासत भी खूब हुई. दिल्ली बीजेपी ने मांग की है कि दिल्ली में वाटरलॉगिंग के लिए केजरीवाल सरकार ज़िम्मेदार है और इसका प्रायश्चित उनको पानी में उतरकर करना चाहिेए. दूसरी तरफ खुद को घिरता देख दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मौर्चा संभाला और सारा दोष उपराज्यपाल नजीब जंग पर डाल दिया.
दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि जब दिल्ली को सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो केजरीवाल गायब होते हैं. अब उनको दिल्ली वालों से माफी मांगनी चाहिए और कमर तक पानी में उतरकर दिल्ली वालों को हुए कष्ट का प्रायश्चित करना चाहिए. क्योंकि जखीरा समेत तमाम जगहों पर दिल्लीवालों को कमर और गले तक पानी में उतरकर सडकें पार करनी पड़ी हैं.
एमसीडी की जिम्मेदारी से बीजेपी ने झाड़ा पल्ला
एमसीडी की ज़िम्मेदारी पर प्रवीण कपूर ने सफाई दी कि दिल्ली सरकार ने 60 फीट से चौड़ी सडकें अपने कब्जे में ले ली हैं और जाम भी इन्हीं सड़कों पर लगा है. एमसीडी की जिम्मेदारी अब सिर्फ सफाई और सड़कों के रखरखाव तक सीमित रह गई है, ऐसे में अब दिल्ली सरकार को दिल्ली में हुई जलभराव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. अब एमसीडी या एलजी पर आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती.
जलभराव की समस्या खत्म करें एलजी
दिल्ली की समस्याओं को लेकर अब केजरीवाल सरकार खुलकर उपराज्यपाल को निशाना बनाने लगी है. एक तरफ आम आदमी पार्टी सरकार कहती है कि वो हाइकोर्ट के
फैसले का सम्मान करती हैं लेकिन दूसरी तरफ इसे नजरअंदाज करते हुए उपराज्यपाल को घेरने की कोशिश कर रही है. मनीष सिसोदिया के मुताबिक जलभराव की समस्या से निजात दिलाना उपराज्यपाल का काम है. उन्होनें ट्वीट करते हुए कहा कि 'अपने अधिकारों को लेकर मीडिया में 50 से ज्यादा इंटरव्यू देने वाले एलजी साहब अब दिल्ली में जलभराव और जाम पर बयान क्यों नहीं दे रहे?'
जलभराव से खुली पोल
फिलहाल दिल्ली में जलभराव के बाद सरकारी एजेंसियों पर सवाल खड़े हुए. इनमें दिल्ली सरकार का पीडब्लूडी विभाग भी शामिल है जो बारिश से पहले 60 फीट चौड़ी
सड़क की सफाई कराने में नाकाम रही और सड़कों की तस्वीर को तालाब में बदलने में देर नहीं लगी.