
दिल्ली सरकार में धरना देने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. दिल्ली सरकार के दास और स्टेनो कर्मचारी भी मुख्य सचिव के कार्यालय के सामने शुक्रवार से धरने पर बैठेंगे.
दिल्ली गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि चीफ सेक्रेटरी करीब दो महीने से दास एवं स्टेनो कैडर के कर्मचारियों के कैडर रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़ी सिफारिशों को लागू नहीं कर रहे हैं. मुख्य सचिव के इस तरह के फैसले से कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त है.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री , उप-मुख्यमंत्री और दो मंत्री पहले ही उप-राज्यपाल निवास में धरना दे रहे हैं जबकि बीजेपी के विधायक, सांसद और आम आदमी पार्टी के एक पूर्व मंत्री दिल्ली सचिवालय में सीएम ऑफिस पर धरना दे रहे हैं.
एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएन सिंह ने बयान जारी कर मुख्य सचिव को चेतावनी दी है कि अगर दास एवं स्टेनो कैडर के कर्मचारियों की रिस्ट्रक्चरिंग की फाइल को संशोधन के साथ लागू नहीं किया जाता है तो कर्मचारी हड़ताल पर जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो उप-राज्यपाल अनिल बैजल नौकराशाहों के निरंतर काम करने का बयान दे रहे हैं. दूसरी तरफ नौकरशाहों के मुखिया स्वयं मुख्य सचिव दो महीने में दास व स्टेनो कैडर कर्मचारियों की रिस्ट्रक्चरिंग से जुड़ी फाइल पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़े हैं. ऐसे में कैसे माना जाए कि मुख्य सचिव और उनकी मातहत नौकरशाही काम कर रही है.
डीएन सिंह ने कहा, मुख्य सचिव (वित्त) एसएन सहाय की अध्यक्षता में उप-राज्यपाल की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने कैडर रिस्ट्रक्चरिंग की रिपोर्ट 20 अप्रैल, 2018 को मुख्य सचिव को सौंप दी थी. बावजूद इसके आज तक रिपोर्ट को लागू करने का काम नहीं किया गया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अब एसोसिएशन से जुड़े 8000 कर्मचारियों के पास सत्याग्रह और हड़ताल पर जाने जैसे कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.