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रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज पर गहराया विवाद

रेस्टोरेंट में स्वेच्छा से सर्विस चार्ज दिए जाने को लेकर जारी बयान के बाद अब नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

रेस्टोरंट में सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज को लेकर भ्रम रेस्टोरंट में सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज को लेकर भ्रम
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST

रेस्टोरेंट में स्वेच्छा से सर्विस चार्ज दिए जाने को लेकर जारी बयान के बाद अब नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल प्रकुल कुमार के मुताबिक रेस्टोरेंट अपने मेन्यू कार्ड में सर्विस चार्ज की दरों को इसलिए प्रिंट करते हैं ताकि ग्राहक खाने का ऑर्डर देने से पहले ही देख लें सर्विस चार्ज कितना है और ग्राहक बिना किसी बहस के अभी तक सर्विस चार्ज देता भी आए हैं.

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सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज को लेकर हमेशा से ही भ्रम रहा है. आपको बता दें कि जहां सर्विस टैक्स सरकार के खाते में जाता है तो वहीं सर्विस चार्ज रेस्टोरेंट मालिक की जेब में जाता है. इसलिए केंद्र सरकार ने सोमवार को साफ किया था कि होटल और रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज देना जरूरी नहीं है.

हालांकि इस बारे में जब रेस्टोरेंट में खाना खाने आए लोगों से बात की गई तो उन्होंने माना कि वो भी सर्विस चार्ज अपनी इच्छा से देना चाहते हैं, लेकिन सर्विस चार्ज ना देने की सूरत में रेस्टोरेंट वाले बहस पर उतर आते हैं इसलिए सरकार को नियम साफ कर देना चाहिए.

हालांकि स्वेच्छा से सर्विस चार्ज दिए जाने का नियम पहले से ही है लेकिन अब सरकार की तरफ से जारी बयान के बाद ग्राहक और रेस्टोरेंट के बीच भ्रम की स्थिति बनने के आसार जरूर हैं.

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