
पुरानी दिल्ली के दिल चांदनी चौक में दिवाली के मौके पर जहां भीड़ की वजह से पैर रखने की जगह नहीं मिलती वहां ट्रैफिक सामान्य दिनों की तरह चल रहा है. फुटपाथों पर पटाखों की दुकानें नहीं लगी हैं. वहीं ठेले पर भी पटाखे नहीं बिक रहे हैं, लिहाज़ा सड़कों पर अतिक्रमण नहीं है.
चांदनी चौक के दही भल्ला कारोबारी चोटी का कहना है कि इस बार जैसा सन्नाटा नहीं देखा. पटाखों की वजह से बाजार आए बच्चे और उनके परिजन कई और तरह की खरीदारी करते हैं. इस बार ऐसा नहीं दिख रहा. मिठाई की पुरानी और मशहूर दुकानों पर जरूर भीड़ भाड़ दिखाई दी बाकी खिलौनों की दुकानों पर लोग नजर आ रहे हैं. लेकिन सड़कों पर ट्रैफिक सामान्य दिखाई दे रहा है.
जबकि सड़कों पर डर्टी बम जरूर छूट रहे हैं, यानी कचरे के ढेर जगह-जगह दिखाई दे रहे हैं और जो चीज दिखाई नहीं देती लेकिन महसूस होती है वो है बदबू. जिसकी वजह से लोग परेशान हैं. आज तक के संवाददाता ने जब वहां मौजूद लोगों से पटाखों के असर के बारे में पूछा तो एक साहब ने कहा कि पटाखों को मारो गोली पहले इस कूड़े और बदबू का उपाय कराओ. दिवाली साफ-सफाई का त्योहार है लेकिन यहां सड़कों पर क्या हो रहा है.
धनतेरस के अगले दिन ही बाजारों में ऐसा सन्नाटा है जैसे आस-पास कोई त्योहार ही ना हों. दिल्ली के सदर बाजार मार्केट सूनी पड़ी है, ना ग्राहक हैं ना चहल पहल. दुकानदारों का कहते है कि ऐसा सन्नाटा बीते 30 वर्षों में नहीं देखा. सदर बाजार के पटाखा व्यापारी हरजीत चावला का कहना है कि पटाखों पर रोक के बाद दूसरे व्यापार भी ठंडे पड़ गए हैं, क्योंकि बाजार में ग्राहक ही नहीं आ रहे हैं. दूसरे व्यापारी राजीव अरोड़ा का कहना है कि पूजा के सामान में भी सेल में 40 फीसदी की गिरावट है. कुल मिलाकर दिल्ली में पटाखा बैन के बाद दूसरे व्यापार में भी गिरावट देखी गई है.