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ऑपरेशन पटाखा: NCR में पटाखों की बिक्री के बैन पर यूं भारी पड़ रहा जुगाड़ तंत्र

सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों की बिक्री पर बैन के आदेश के बावजूद पटाखा व्यापारी लोगों को पटाखों की होम-डिलिवरी कर रहे हैं.

दिल्ली एनसीआर में बैन के बावजूद जुगाड़ से पटाखे बेचे जा रहे हैं दिल्ली एनसीआर में बैन के बावजूद जुगाड़ से पटाखे बेचे जा रहे हैं
नितिन जैन/अमित कुमार चौधरी
  • गाजियाबाद/सोनीपत/नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

दिवाली पर गुरुवार को पटाखों का जहर दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की हवा में भरने को तैयार लगता है. परंपरा के नाम पर पटाखे चलाने वाले इसके लिए कमर कसे बैठे हैं. इंडिया टुडे की स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम की जांच में सामने आया है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों की बिक्री पर बैन के आदेश के बावजूद पटाखा व्यापारी लोगों को पटाखों की होम-डिलिवरी कर रहे हैं.

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दिवाली के त्यौहार पर पीढ़ियों से रंग-बिरंगी आतिशबाजी और पटाखों के धमाके करने की परंपरा रही है, लेकिन यह भी हकीकत है कि बीते साल दिवाली के बाद एनसीआर की हवा इतनी खराब हुई कि क्षेत्र में कई दिनों तक स्कूल, पॉवर स्टेशन और कंस्ट्रक्शन साइट्स को बंद करना पड़ा था.

पिछली दिवाली थी 20 साल में सर्वाधिक प्रदूषित

बता दें कि इस महीने के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में 1 नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया. ऐसा 2016 में दिवाली पर हवा में जो जहर घुला, उसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए किया गया. 2016 में पर्यावरण की दृष्टि से बीते 20 साल की सबसे प्रदूषित दिवाली थी.

आजतक की जांच से सामने आया है कि पाबंदी के आदेश का अनेक व्यापारी खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. इन्होंने एनसीआर में पटाखे और आतिशबाजी का सामान बेचने के लिए अनूठे तरीके निकाल लिए हैं.

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पटाखों की दुकान पर सिर्फ नाम के ताले

कहने को दिल्ली एनसीआर में पटाखों की फुटकर दुकानों पर ताले पड़े हुए हैं. पटाखों का थोक व्यापारियों की दुकानों पर सील जड़ी जा चुकी हैं. आजतक के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने इस मुखौटे को चीरते हुए ऐसे अंडरग्राउंड बाजारों को ढूंढ निकाला, जहां पटाखों की अवैध बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है.

गाजियाबाद के फारूक नगर में साजिद नाम के थोक व्यापारी को पटाखों की बड़े पैमाने पर बिक्री करते देखा गया. इस शख्स ने अपने घर को ही पटाखों के गोदाम में तब्दील कर दिया है.

पटाखे खरीदने की इच्छा जताने वाले अंडरकवर रिपोर्टर्स से साजिद ने  कहा, "मेरा पटाखों का जो असल गोदाम था, उसे सील कर दिया गया है, इसलिए घर से ही डिलिवरी करूंगा भाई."

अतिरिक्त कीमत पर होम डिलीवरी

रिपोर्टर ने जब पटाखों के गत्तों का ठिकाना पूछा तो साजिद ने कहा, "घर पर, मैं घर से बाहर उनकी सप्लाई कार में करूंगा. आप गिन लेना और फिर मेरा भुगतान कर देना. लगभग सब कुछ उपलब्ध है. मैं आपको फव्वारे, अनार, चरखी, रोमन मोमबत्ती, रावण बम सब कुछ दूंगा. आप चाहोगे तो मैं आपको वो सब दिखा दूंगा जो मेरे पास उपलब्ध है."

साजिद ने बताया कि कि नाम मात्र का पैसा और देने पर पटाखों की डिलिवरी घर पर भी कर दी जाएगी.

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साजिद ने पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होने का भरोसा भी दिया.

साजिद ने कहा, "पुलिस यहां कुछ कहेगी तो उसकी जिम्मेदारी मेरी है. आप बस अपनी कार ले आना. मैं जिम्मेदार हूंगा. अगर आपको यह करना मुश्किल लगता है तो 1500 रुपए और दीजिएगा, आपके घर पर ही डिलिवरी कर दी जाएगी."

खरीदने से पहले पटाखे फोड़ चेक करने की भी है सुविधा

अंडरकवर रिपोर्टर्स ने फिर दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत में पटाखों के थोक कारोबारी सुमीत का रुख किया. यहां बड़े गोदाम से न सिर्फ पटाखे बेचे जा रहे हैं बल्कि कोई ग्राहक चाहे तो फ्री में पटाखों का ट्रायल करके भी देख सकता है.

सुमीत ने पटाखों के भंडार की ओर इशारा करते हुआ कहा, "अगर आपको कोई संदेह है तो आप यहीं सड़क पर जाकर इन्हें चला कर देख सकते हैं."

सुमीत ने यह भी बताया कि पटाखों की खेप को एनसीआर में किस तरह भेजा जा रहा है. सुमीत ने कहा, "मैं आपको बता रहा हूं कि अगर आप 30,000 से 40,000 रुपए तक का ऑर्डर बुक कराएंगे तो मैं अपनी कार में ही डिलीवरी कर दूंगा."

साफ है कि जुगाड़ तंत्र के लिए पटाखों की बिक्री पर बैन से निपटना कोई बड़ी बात नहीं है.

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पुरानी दिल्ली के सदर बाजार में चमड़े की वस्तुओं के एक स्टोर में दो व्यापारियों मनु और प्रवेश ने बंद दुकान के अंदर से पटाखों का डिस्पले लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दिखाया. दोनों ने मांग पर तुरंत डिलिवरी की गारंटी दी.

मनु ने पूछा, "आप इन्हें कहां लेना चाहते हैं?"

अंडर कवर रिपोर्टर ने जब डिलीवरी का एड्रेस नोएडा सेक्टर 62 बताया तो मनु ने कहा, "अगर आप चाहें तो सेक्टर 62 पर ही डिलिवरी हो जाएगी."

सैकड़े के हिसाब से फिक्स हैं कीमतें

मनु और प्रवेश ने पटाखों की किस्मों के हिसाब से थोक कीमतों का भी हवाला दिया और कहा, "कीमत प्रति 100 के हिसाब से फिक्स हैं. 450 रुपए, 550रुपए, 900 रुपए. रॉकेटों की कीमत 1200, 1500 और 2200 रुपए के बीच वेरायटी, रोशनी, धमाकों की संख्या के हिसाब से निर्भर करता है. पटाखों की लड़ियां 100, 200 और 300 के पैक में उपलब्ध हैं."

त्यौहार के सामान बेचने की दुकान पर शिवा नाम के व्यापारी को काउंटर के नीचे से पटाखों की बिक्री करते देखा गया. शिवा ने बड़े पैमाने पर पटाखे उपलब्ध कराने का दावा भी किया. शिवा ने कहा, "मेरे पास स्थानीय और ब्रांडेड आइटम, कोरोनेशन और मुर्गा छाप पटाखे हैं. आप जो चाहेंगे वो सब कुछ मिलेगा."

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शिवा ने भुगतान नकद में करने की मांग करते हुए कहा, "भुगतान यहीं करना होगा. आपको 1 लाख रुपये एडवांस में देना होगा. बैलेंस का भुगतान डिलिवरी के बाद कीजिएगा."

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