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राजनीति से कम नहीं होगा प्रदूषण, केजरीवाल कुछ काम कर लें: हर्षवर्धन

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि न तो ऑड ईवन दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का हल है और न ही प्रदूषण के मुद्दे को राजनीति से हल किया जा सकता है. राजनीति चुनावों के वक़्त तक ही ठीक है. बाकी वक़्त तो कुछ काम करे दिल्ली सरकार.

डॉ. हर्षवर्धन डॉ. हर्षवर्धन
रणविजय सिंह/पूनम शर्मा
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  • 13 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST

पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर खासे चिंतित हैं. हाल ही में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर एक मीटिंग भी की. डॉ. हर्षवर्धन ने आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में केजरीवाल सरकार की प्रदूषण नीति पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि न तो ऑड ईवन दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का हल है और न ही प्रदूषण के मुद्दे को राजनीति से हल किया जा सकता है. राजनीति चुनावों के वक़्त तक ही ठीक है. बाकी वक़्त तो कुछ काम करे दिल्ली सरकार. डॉ. हर्षवर्धन ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दिल्ली के प्रदुषण से लेकर एनजीटी में जजों की नियुक्ति पर अपनी बेबाक राय रखी.

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सवाल: 1 महीने में आप पराली का हल ढूंढने जा रहे हैं. ये कैसे होगा?

जवाब: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बनी कमेटी तमाम संबंधित विभागों से इस बारे में बात कर रही है. साथ ही कारण भी खोजे जा रहे हैं कि एयर क्वालिटी को और कैसे बेहतर किया जा सकता है. दिल्ली की एयर क्वालिटी के खराब होने को कैसे रोका जा सकता है. हम सिर्फ पराली पर ही काम नहीं कर रहे हैं. कई और विषय भी हैं जिस से दिल्ली की हवा खराब हो रही है. जनवरी से हम हर 15 दिन में मॉकड्रिल के तौर पर काम करना शुरू कर देंगे. इसमें डस्ट कंट्रोल करने से लेकर निर्माण कार्य और जनरेटर पर चलने से लेकर प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री यूनिट तक शामिल होंगी.

सवाल: दिल्ली सरकार से आप किस तरह के सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं? आपकी हाल ही में मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात भी हुई है।

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ज़वाब: केंद्र सरकार गाइडलाइंस भी बना रही है और सुझाव भी दे रही है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी नियम बनाए हुए हैं, लेकिन इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है. हमने इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार के सुझावों पर काम करने को कहा है. इससे दिल्ली की एयर क्वालिटी को काफी हद तक बेहतर किया जा सकता है. केंद्र सरकार सुझाव दे सकती है, इंप्लीमेंटेशन का काम दिल्ली सरकार को ही करना है.

सवाल: एनजीटी ने दिल्ली सरकार को इस बार ऑड ईवन सब पर लागू करने के लिए कहा है. क्या आपको एक पर्यावरण मंत्री के तौर पर लगता है कि ऑड ईवन से प्रदूषण पर लगाम लग सकता है.

ज़वाब: क्रेडिट रिस्पांस एक्शन प्लान में एयर क्वालिटी को सुधारने और प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत सारे उपाय बताए गए हैं. ऑड ईवन उनमें सबसे आखिर में और बहुत बाद में आता है. ऑड ईवन से पहले बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें अभी किए जाने की जरूरत है. ऑड ईवन की जरूरत पड़ेगी जब बाकी सारे उपाय करने के बाद भी एयर क्वालिटी न सुधरे. 2 बार जो ओड ईवन किया गया और उसके बाद जो एयर क्वालिटी के डाटा आए उससे साफ हो गया कि इससे प्रदूषण में कमी नहीं आई है. लोगों की एक परेशानी दूर करने के लिए उनको दूसरी परेशानी दे दो ये तो परेशानी का हल नहीं हो सकता.

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सवाल: लैंडफिल साइट्स को लेकर भी एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच में कई सारी परेशानियां है.

ज़वाब: मेरा यह मानना है कि जनता से जुड़ी हुई परेशानियों को लेकर राजनीति से ऊपर उठकर मिलजुल कर काम करना चाहिए. मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से व्यक्तिगत रूप से भी कहा है कि राजनीति आप तब करें जब चुनाव का समय हो। लेकिन बाकी समय में हमें दिल्ली को बेहतर राजधानी बनाने के लिए काम करना चाहिए.

सवाल: दिल्ली में एनजीटी में कई जजों के पद रिक्त पड़े हैं, वह कब तक पूरे भर पाएंगे?

ज़वाब: जजों के पदों को भरने के लिए एक प्रक्रिया है और उसको बाईपास नहीं किया जा सकता. लेकिन यह तय है एनजीटी को बिना जजों के नहीं रहने दिया जाएगा.

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