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चुनाव आयोग ने सुना AAP विधायकों का पक्ष, अगली सुनवाई होगी अहम

21 संसदीय सचिवों पर आफिस ऑफ प्राफिट मामले में डिस्क्वालिफिकेशन की तलवार लटकी हुई है, क्योंकि याचिका के मुताबिक दिल्ली में मंत्रियों के दफ्तर में संसदीय सचिवों का प्रावधान नहीं है.

12 विधायक पहुंचे थे आयोग के दफ्तर 12 विधायक पहुंचे थे आयोग के दफ्तर
केशव कुमार/कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

चुनाव आयोग ने 21 संसदीय सचिवों के मामले में सभी विधायकों की तरफ से बहस सुन ली है. फिलहाल ये बहस इस बात को लेकर थी कि संसदीय सचिव बनाए गए दिल्ली के विधायकों की सदस्यता रद्द करने को लेकर दायर की गई दूसरी याचिका पर सुनवाई का अधिकार चुनाव आयोग को है भी या नहीं.

आयोग ने फैसला सुरक्षित रखा
सभी इक्कीस विधायकों की तरफ से उनके वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं और कहा कि चूंकि दूसरी याचिका राष्ट्रपति की तरफ से आयोग को नहीं भेजी गई है, इसलिए आयोग इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. एक-एक करके आयोग ने सभी विधायकों और याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल की दलीलों को सुना और फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

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12 विधायक पहुंचे थे आयोग के दफ्तर
जल्दी ही चुनाव आयोग इस पर अपना फैसला सुनाएगा और इसके बाद मूल याचिका जिसमें सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की गई है, पर सुनवाई शुरु होगी. सोमवार को आम आदमी पार्टी के करीब 12 विधायक अपने वकीलों के साथ सुनवाई में हिस्सा लेने चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे थे. जहां करीब तीन घंटे तक सुनवाई चली.

अगली सुनवाई अहम
इस दौरान याचिका कर्ता ने भी अपनी दलीलें आयोग के सामने रखीं. इसीलिए ये माना जा रहा है कि अगली तारीख पर जब विधायकों को चुनाव आयोग बुलाया जाएगा, तो ये काफी अहम होगा. क्योंकि इस तारीख पर आयोग का रुख पता चलेगा, साथ ही मुख्य केस की सुनवाई भी शुरू होगी.

अयोग्य ठहराए जाने की तलवार लटकी
21 संसदीय सचिवों पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में डिस्क्वालिफिकेशन की तलवार लटकी हुई है, क्योंकि याचिका के मुताबिक दिल्ली में मंत्रियों के दफ्तर में संसदीय सचिवों का प्रावधान नहीं है, जबकि केजरीवाल सरकार ने अपने सभी मंत्रियों के दफ्तर में तीन-तीन संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर दी थी.

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