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हाईकोर्ट की फटकार- राजघाट पूजा स्थल जैसा, यहां गंदगी कैसे?

कोर्ट ने कमेटी और एजेंसी को लताड़ लगाते हुए कहा कि बाहर से राजघाट को देखने आने वाले लोग भारत की क्या छवि लेकर जाते होंगे, जब देखते होंगे कि राष्ट्रपिता की समाधि पर ही इस तरह के हालात हैं.

समाधि पर फूल चढ़ाते राष्ट्रपति (फाइल फोटो) समाधि पर फूल चढ़ाते राष्ट्रपति (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:53 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट को पूजा का स्थान बताते हुए कहा कि 'क्या किसी पूजा स्थल को अस्वच्छ या बदहाल स्थिति में रखा जा सकता है?' कोर्ट ने राजघाट के रखरखाव और संरक्षण के लिए गठित राजघाट समाधि समिति को अपने काम में नाकाम रहने पर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने अपने 2012 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ने आरएससी को वैधानिक संस्था की सूची में रखा है.

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समिति दो अक्टूबर और 30 जनवरी को महात्मा गांधी की जयंती और पुण्यतिथि मनाने के लिए खास समारोह करती है. इन वार्षिक समारोहों के अलावा, सर्वधर्म प्रार्थना सभा और कीर्तन का आयोजन साल भर होता है. समाधि पर स्कूली बच्चे और पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं. कोर्ट ने कहा कि महात्मा गांधी और गांधीवादी विचारधारा के प्रति सम्मान रखते हुए आगंतुक समाधि पर आते हैं. ऐसे में समाधि का रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए.

न्यायमित्र सत्यकाम ने राजघाट के बारे में दी अपनी रिपोर्ट में वहां की बदहाली बयान की है. रिपोर्ट में राजघाट के खस्ताहाल और वहां जलाशयों में गंदगी होने की बात कही गयी है. वहां की व्यवस्था इतनी खराब है कोर्ट ने कमेटी और एजेंसी को लताड़ लगाते हुए कहा कि बाहर से राजघाट को देखने आने वाले लोग भारत की क्या छवि लेकर जाते होंगे, जब देखते होंगे कि राष्ट्रपिता की समाधि पर ही इस तरह के हालात हैं.

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जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि राजघाट समाधि प्रतिमा को भी पूरी तरह से साफ सुथरा नहीं रखा जाता है. महात्मा गांधी की समाधि का ढंग से रख-रखाव नहीं हो रहा है. इस बारे में कई बार राजघाट समाधि कमेटी को भी लिखा गया, लेकिन ना तो उन्होंने इसका कोई जवाब दिया और ना ही स्थिति को सुधारने की कोई कोशिश की है.

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